नवोदित सक्तावत

कठुआ पर कैंडल मार्च निकालने वाले राहुल गांधी गीता मामले पर खामोश क्यों हैं ?

पिछले दिनों कठुआ मामले को लेकर देश में काफी गहमागहमी देखी गई। इस प्रकरण की पीडि़ता के पक्ष में अचानक गम और गुस्‍से का उबाल आ गया। देश में कुछ भी हालात चल रहे हों, लेकिन हमेशा केवल अपने नाच-गाने और खाने-पीने व हंसने में मस्‍त रहने वाला बॉलीवुड भी अचानक आसिफा के लिए तख्तियां लटकाए सामने आ गया। रही सही कसर तथाकथित बुद्धिजीवियों, वामपंथियों, विपक्षियों ने पूरी कर दी जो

जज लोया प्रकरण : कांग्रेस सहित फ़ेक न्यूज ब्रिगेड के मुंह पर तमाचा है सुप्रीम कोर्ट का फैसला !

हाल ही में सु्प्रीम कोर्ट ने जस्टिस लोया की मृत्‍यु के मामले में अहम और महत्‍वपूर्ण सुनवाई की। इस निर्णायक सुनवाई में उच्‍चतम न्‍यायालय ने वे तमाम याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनके माध्‍यम से इस मामले में एसआईटी जांच की मांग उठाई जा रही थी। अब चूंकि कोर्ट का फैसला आ चुका है, ऐसे में इस प्रकरण को भुनाने वाले तत्‍व सिरे से खीझ उठे हैं

बलात्कार के मामलों में भी इतना दोहरा रवैया कैसे दिखा लेते हैं, मिस्टर सेकुलर?

देश में इन दिनों कठुआ नाम छाया हुआ है। जम्‍मू संभाग के कठुआ के एक गांव में 8 वर्षीय बच्‍ची से दुष्‍कर्म एवं हत्‍या की खबर सामने आई और उसके मामला तूल पकड़ गया। यहां गौर करने योग्‍य बात यह है कि बच्‍ची नाम असिफा है, इसलिए विरोध और आक्रोश जताने के खेल में बॉलीवुड, बुद्धिजीवी, सेकुलर आदि गिरोह पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर गए हैं। बहुत हैरत की बात है कि जिस समय कठुआ की खबर

घोटालों और नाकामियों के ढेर पर बैठी केजरीवाल सरकार !

कैग (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट में गंभीर खुलासे सामने आए हैं। इस खुलासे से बहुत सारी चीजें सार्वजनिक प्रकाश में आ गईं जो अभी तक दबे-छिपे रूप से संचालित हो रही थीं। आम आदमी पार्टी की सरकार इस रिपोर्ट के आने के बाद मुश्किल में फंसती नज़र आ रही है। यह मुश्किल भी छोटी-मोटी नहीं, बड़ी और निर्णायक है; क्‍योंकि, भाजपा एवं कांग्रेस दोनों दलों ने अब आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल

जलता रहा बंगाल और दिल्ली में बैठकर राजनीति करती रहीं ममता बनर्जी !

बंगाल में इन दिनों अराजकता मची हुई है। खुलेआम हिंसा और अशांति का नंगा नाच चला और राज्‍य सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर पाई। रामनवमी के जुलूस को लेकर अभी तक कई स्‍थानों पर हिंसक घटनाएं हो चुकी हैं। सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ और हमेशा की तरह निर्दोष नागरिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। बंगाल के आसनसोल और रानीगंज में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि यहां लोगों के सिर से छत

गुजरात चुनाव के ‘जनेऊधारी हिन्दू’ का कर्नाटक चुनाव में टीपू राग !

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव निकट हैं। जैसा कि हमेशा से होता आया है, चुनाव से पहले राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी भी ताल ठोंककर मैदान में कूद पड़े हैं। यह बात दीगर है कि पिछले कई चुनावों में भी वे बहुत जोश के साथ मैदान में उतरे थे और मुंह की खाकर अपनी अयोग्‍यता को उत्‍तरोत्‍तर प्रमाणित ही करते गए।

आरोप लगाना और माफ़ी मांगना, क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री का अब यही काम रह गया है ?

आम आदमी पार्टी के अधोपतन का दौर जारी है। खोते जनाधार, बिगड़ती छवि, अंर्तकलह, भ्रष्‍टाचार के आरोप, विधायकों की अयोग्‍यता, नौकरशाहों से अभद्रता आदि घटनाक्रमों के बाद अब इस दल में नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के एक निर्णय ने फिर से सदस्‍यों, पदाधिकारियों को असमंजस में डाल दिया है। केजरीवाल ने अकाली दल के नेता पर पंजाब चुनाव के दौरान लगाए आरोप

‘लेनिन रूस के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन भारत में उनका क्या काम !’

रूसी क्रांति के सूत्रधार व्‍लादिमीर लेनिन इन दिनों अचानक सुखिर्यों में आ गए हैं। शताब्दी पूर्व रूस की अपनी खुनी क्रांति को लेकर ख्‍यात हुआ यह व्‍यक्ति अब दोबारा चर्चाओं में है। वर्तमान परिदृश्य को समझें उससे पूर्व थोड़ा पार्श्‍व समझ लेते हैं। हाल ही में संपन्‍न हुए त्रिपुरा विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को विराट जीत प्राप्‍त हुई। अन्‍य राज्‍यों की तरह यहां भी बीजेपी ने प्रचंड विजयश्री हासिल की। जीत का जश्‍न अभी

मुस्कुराते चेहरे के साथ सामाजिक सुधार में रत जयेंद्र सरस्वती सदैव स्मरण किए जाते रहेंगे !

इस सप्‍ताह शंकराचार्य जयेंद्र सरस्‍वती के अवसान का समाचार सामने आया। उनके निधन की औपचारिक खबरें मीडिया व प्रचार माध्‍यमों से जारी की जाती रहीं लेकिन यह केवल खानापूर्ति भर थी। उनके असल व्‍यक्तित्‍व का बखान किसी ने नहीं किया। कांची कामकोटि पीठ के 69 वें शंकराचार्य जयेंद्र सरस्‍वती एक युगपत संत के तौर पर सदा स्‍मरण किए जाते रहेंगे। युगपत इस अर्थ में, कि जब उन्‍होंने संन्‍यास लिया था, तबसे

केजरीवाल के अहंकार और अराजकता की राजनीति को ही दिखाता है अंशु प्रकाश प्रकरण !

आम आदमी पार्टी एक बार फिर से सुर्खियों में है। हमेशा की तरह इस बार भी कारण नकारात्मक और विवादास्पद ही है। लंबे समय से मतदाताओं की बेरूखी और अंदरूनी कलह झेल रही पार्टी के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इस बार दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट एवं अभद्रता का मामला सामने आया है। आरोप है कि पार्टी के दो विधायक अमानतुल्ला और प्रकाश जरवाल ने वरिष्ठ