पीयूष द्विवेदी

संयुक्त राष्ट्र महासभा में सशक्त भारत का संबोधन !

संयुक्त राष्ट्र महासभा के ७२वें सत्र में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का संबोधन कई मायनों में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक रूप से उल्लेखनीय रहा। सुषमा के संबोधन से पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अपने संबोधन में भारत पर आतंक प्रायोजित करने और कश्मीर में अत्याचार फैलाने का आरोप लगाया था। उनके भाषण का लम्बा हिस्सा भारत की बुराई करने में ही बीता था।

सेना और जांच एजेंसियों के जरिये कश्मीर में आतंकवाद पर सरकार ने बोला दोतरफा हमला !

यूँ तो एक लम्बे समय से केंद्र सरकार ने सेना को कश्मीरी आतंकियों से निपटने के लिए खुली छूट दे रखी है, मगर अब जिस स्तर पर सेना कार्रवाई कर रही उसके अलग ही संकेत हैं। कश्मीर में हिंसा फैलाने वाले आतंकियों के साथ-साथ उनको शह देने वाले अलगाववादियों पर भी सरकार एकदम सख्त रुख अपनाए हुए है। स्पष्ट है कि सरकार अब कश्मीर के सभी अराजक तत्वों से एकदम सख्ती से निपटने का मन बना

जो मज़हब किसीके डांस करने या चेस खेलने से खतरे में पड़ जाता हो, उसे खत्म ही हो जाना चाहिए !

इस्लाम शायद ऐसा एकमात्र मज़हब है, जो आए दिन और बात-बेबात ख़तरे में पड़ता रहता है। किसी भी मुसलमान के गाना गाने, नाचने से लेकर बनाव-श्रृंगार करने तक से इस्लाम पर खतरा आ जाता है। फिर इसके स्वघोषित झंडाबरदारों द्वारा धमकी भरे फतवों का दौर शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं, अगर इन्हें राष्ट्रगीत ‘वन्दे मातरम्’ गाने को कह दो तो उससे भी अक्सर इनके इस्लाम पर संकट आ जाता है। राष्ट्रगान के कई शब्दों

वे कौन लोग हैं, जो पाकिस्तानी लोकतंत्र की तथाकथित महानता पर लहालोट हो रहे !

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में वहाँ की अदालत द्वारा संसद सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा क्या दिया कि इधर भारत में सोशल मीडिया पर वे ट्रेंड करने लगे। सोशल मीडिया से लेकर मुख्यधारा की मीडिया तक पाकिस्तान और नवाज शरीफ की चर्चा चल पड़ी। इनमें ‘कुछ लोग’ (इनमें ज्यादातर वही अंधविरोधी थे जिन्हें मोदी सरकार के

बिहार की जनता के लिए जरूरी हो गया था महागठबंधन सरकार का अंत !

बिहार के महागठबंधन में महीनों से चल रही खींचतान आखिर बीती 26 जुलाई की शाम तब एक निर्णायक मोड़ पर पहुँच गयी, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव का इस्तीफा देने से इनकार के बाद नीतीश ने यह निर्णय लिया। इस्तीफा देकर निकलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा माहौल में उनके लिए सरकार चलाना संभव

भाजपा के प्रति ममता का ये अंधविरोध खुद उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा !

2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भाजपा के प्रति विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से गत वर्ष हुई नवम्बर में हुई नोटबंदी के बाद से तो उनका भाजपा विरोध घृणा के स्तर तक पहुँचता नज़र आ रहा है। भाजपा के प्रति वे अपने विरोध को जिस-तिस प्रकार से जाहिर करती रहती हैं। अब उन्होंने घोषणा की है कि आगामी 9 अगस्त से वे ‘बीजेपी भारत छोड़ो’ नामक

मूछ-दाढ़ी की बचकाना दलीलों की बजाय आरोपों का तथ्यात्मक जवाब दे, लालू परिवार !

लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें इन दिनों बढ़ी हुई हैं। यूँ तो लालू पहले से ही चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। लेकिन, अब उनसे लेकर उनके परिवार के सदस्यों तक के खिलाफ एक के बाद एक आरोप जिस तरह से सामने आए हैं तथा सरकारी एजेंसियों द्वारा उनपर कार्रवाई हुई है, उससे साफ़ ज़ाहिर है कि लालू की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। शायद समय आ गया है कि उन्हें अपने पूरे कच्चे-

ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हिंसा की आग में जलता बंगाल

पश्चिम बंगाल में एकबार फिर सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क उठी है। सूबे के उत्तरी परगना जिले के बसिरहाट के बादुरिया में एक युवक द्वारा फेसबुक पर की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा ने जन्म ले लिया। साफ़ शब्दों में मामले को समझें तो ख़बरों के अनुसार, सौरव सरकार नाम के एक बारहवीं में पढ़ने वाले लड़के ने बीती दो जुलाई को अपनी फेसबुक वाल पर

चीन भूल रहा है कि ये 1962 के भारत की सेना और सरकार नहीं है !

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर खिटपिट कोई नयी बात नहीं है, मगर इसबार चीन ने सिक्किम में जो किया है, उसे मामूली नहीं कह सकते। पहले चीन ने सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के बंकरों को क्षति पहुंचाई, फिर अब उलटे भारत से वहाँ सेना को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि भारत जबतक सीमा पर से अपनी सेना को वापस नहीं बुला लेता तबतक सीमा विवाद को लेकर आगे कोई बात नहीं

वे कौन-से नमाज़ी थे कि उनके सीने में हत्यारी मानसिकता धधक रही थी !

गत दिनों जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नौहट्टा स्थित जामिया मस्जिद से नमाज़ अदा करके निकली उन्मादी भीड़ ने मस्जिद के बाहर सुरक्षा इंतजामों के लिए मौजूद डीएसपी अयूब पंडित की निर्ममतापूर्वक पीट-पीटकर हत्या कर दी। उनपर भीड़ के इस हमले के सम्बन्ध में कई तरह की बातें सामने आ रही है।