प्रवीण शुक्ल 'पृथक'

संघ के संघर्षों और बलिदानों की अमिट गाथा है गोवा मुक्ति आन्दोलन!

पुर्तगाली वास्को-डि-गामा हो या स्पेनिश कोलम्बस, इन सबको इतनी दूर भारत आने के लिए जिस एक चीज ने विवश किया वो थे भारतीय मसाले, यह मसाले जिस जगह पैदा होते थे वो पश्चिमी घाट का तटवर्ती इलाका था, उसमें भी मालाबार और गोमान्तक इस व्यापार के केंद्र में रहे हैं। कोलंबस तो कभी भारत नहीं पहुँच पाया