विवेक शुक्ला

शर्म करे अफराजुल खान और डा. नारंग के कत्ल में फर्क करने वाली सेक्युलर बिरादरी !

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजस्थान में पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूर अफराजुल खान की बेरहमी से हत्या पर दुख प्रकट करते हुए मजदूर के परिवार को मुआवजे के तौर पर तीन लाख रुपये देने की घोषणा की। उनका यह कदम प्रशंसनीय है। ममता ने ट्विटर पर लिखा- ” हमारी सरकार ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का फैसला किया है।” पर क्या ममता बनर्जी के इस कदम से दिल्ली के मुख्यमंत्री

वो जगह जहां नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद किराए पर रहने लगे थे बाबा साहेब !

डॉ. भीमराव अंबेडकर के अंतिम पांच साल राजधानी के अलीपुर रोड में बीते। उन्होंने पंडित नेहरू की कैबिनेट से 31 अक्तूबर, 1951 को इस्तीफा दे दिया था और उसके अगले ही दिन वे 26, अलीपुर रोड के बंगले में आ गए थे। पंडित नेहरू की कैबिनेट से इस्तीफा देने के अगले ही दिन यानी 1 नवंबर को उन्होंने अपनी सरकारी बंगले को छोड़ दिया था। यानी वे एक दिन भी सरकारी बंगले में मंत्री पद को छोड़ने के बाद नहीं

पाक को आग में झोंकता एक और कट्टरपंथी मुल्ला !

पाकिस्तान को एक और कट्टर मुल्ला मिल गया है। नाम है खादिम हुसैन रिजवी। उर्दू और पंजाबी में तकरीरें करना वाला रिजवी गैर-मुसलमानों और अपने विरोधियों को गालियां बकने से भी परहेज नहीं करता। ये ही वहां पर लगातार जारी बंद और धरने का नेतृत्व कर रहा था। इसके ही नेतृत्व में देश के विधि मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग हो रही थी। इसका आरोप है कि जाहिद हामिद ने ईशनिंदा की है, उन्हें कैबिनेट से

फिर टूटने की कगार पर पाकिस्तान !

अगर आप पाकिस्तानी मीडिया को फोलो कर रहे हैं, तो आपने देखा होगा कि वहां पर पंजाबी बनाम शेष वाली स्थिति पैदा हो चुकी है। बलूचिस्तान और सिंध सूबों की जनता में देश के सबसे बड़े सूबे यानी पंजाब के प्रति नफरत का भाव है। कुछ समय पहले बलूचिस्तान में हुई दो अलग-अलग घटनाओं में 16 पंजाबी मूल के लोगों को गोलियों से मार डाला गया।

पीओके पर यह कौन-सी भाषा बोल रहे हैं, फारूक अब्दुल्ला !

फारूक अब्दुल्ला की जुबान अब बार-बार फिसलने लगी है। फारूक अब्दुल्ला लगता है जानबूझकर सुनियोजित ढंग से उलटबयानी करते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जो हिस्सा पाकिस्तान के पास है, वो पाकिस्तान का ही कश्मीर है। भारत ने कश्मीर को धोखा दिया है। कुछ माह पहले फारुक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भारत के दावे को लेकर कहा, “क्या यह तुम्हारे बाप का है?” उन्होंने  आगे

ईरान-पाकिस्तान में बढ़ रही तल्खियां, भारत के लिए है बड़ा अवसर

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने बीते दिनों ईरान की यात्रा की। ये कोई सामान्य औपचारिक यात्रा नहीं थी बाजवा की। दरअसल ईरान-पाकिस्तान के संबंधों में लगातार तल्खी आ रही है। पिछले साल जिस दिन भारतीय सेना ने आजाद कश्मीर में आतंकी शिविरों को बर्बाद किया था, उसी दिन ईरान ने भी पाकिस्तान पर हमला किया था। दरअसल 28-29 सितंबर, 2016 की रात पाकिस्तान को लंबे समय तक

संसार भर में झंडा गाड़ रहे भारतीय मूल के सिख सांसद !

सिख समाज के लिए माना जाता है कि ये मूल रूप से कारोबार में अपने हाथ दिखाना चाहते हैं। उसमें ये सफल भी होते हैं। लेकिन, ये अब अनेक देशों की संसदों में भी पहुंचने लगे हैं। भारत के बाद सर्वाधिक सिख सांसद कनाडा में हैं। कनाडा के पिछले साल हुए आम चुनाव में पांच सिख सांसद चुनकर संसद में पहुंचे और अब वहां पर दो सिख मंत्री हैं।

दुनिया के इन-इन देशों में धूमधाम से मनाई जाती है दीपावली !

अब  दुनिया के चप्पे-चप्पे में दीप पर्व अपनी छटा बिखेरता है। जिन देशों में हिंदुओं की बड़ी आबादी है, वहां तो सर्वत्र प्रकाश होता है। श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मॉरीशस, केन्या, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, नीदरलैंड्स, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में दीपावली भव्य तरीके से मनती है। आप कह

भ्रष्ट और काहिल अफ़सरों पर सख्त मोदी सरकार

सरकार ने छतीसगढ़ कैडर के दो आईपीएस अफसरों की सेवाएं समाप्त करके ये स्पष्ट संकेत दिया है कि काहिल अफसरों की खैर नहीं। सरकार भ्रष्ट और संदिग्ध छवि वाले अफसरों को बख्शने के लिए कतई तैयार नहीं है। सत्ता पर काबिज होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सख्त अंदाज में भ्रष्ट सरकारी बाबुओं को चेतावनी दी थी कि न मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूंगा व ‘न चैन से बैठूंगा, न चैन से बैठने दूंगा’।

मोदी सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने पर अन्ना को ‘जन्नत की हकीकत’ मालूम हो जाएगी !

किस तरह से कभी-कभी कुछ नेता और आंदोलनकारी अप्रासंगिक हो जाते हैं, उसका शानदार उदाहरण है अन्ना हजारे। अब उन्हें कोई याद तक नहीं करता। उनकी कहीं कोई चर्चा तक नहीं होती। एक दौर में वे भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे बड़ी लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे थे। अब वही अन्ना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चेतावनी दे रहे हैं लोकपाल की नियुक्ति को लेकर। आंदोलन की धमकी दे रहे हैं।