व्यालोक

‘सुशासन’ के मुंह पर ‘जंगलराज’ का झन्नाटेदार तमाचा

यह लेखक जिस वक्त और जहां बैठकर यह बातें टाइप कर रहा है, उसके ठीक एक दिन पहले इस जगह से केवल दो किमी दूर, राजधानी पटना में सरेशाम एक प्रेस फोटोग्राफर के बेटे को गोली मार दी गयी है। उसी दिन दो और हत्याएं महज पांच किलोमीटर के दायरे में हुई हैं। इसी ख़बर

जेएनयू चुनाव: वामगढ़ में हिली वामपंथियों की जमीन

यह आर-पार की लड़ाई है। महाभारत याद करिए। एक तरफ पांच पांडव, जिनके साथ केवल सत्य यानी नारायण, वह भी विरथ, हथियार न उठाने की प्रतिज्ञा के साथ, और दूसरी तरफ, तमाम महारथी, अतिरथी, रथी एक साथ, भीषणतम हथियारों के साथ। इस बार का जेएनयू चुनाव भी कुछ ऐसा ही है। एक तरफ राष्ट्रवाद की ध्वजा लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दूसरी ओर लफ्फाज़ एवं झूठे वामपंथियों का एका। मज़े की बात तो यह है कि कल तक एक-दूसरे को पानी पी-पीकर कोसने वाले…

वामपंथी क्रांतिकारियों के गढ़ जेएनयू का सच!

जब जेएनयू से ख़बर आयी कि एक वामपंथी नेता ने अपने ही साथ पढ़नेवाली छात्रा-कार्यकर्ता के संग बलात्कार किया है, तो सच पूछिए मुझे आश्चर्य तक नहीं हुआ। मनोविज्ञान के मुताबिक जब आप लगातार दुखद और खौफनाक घटनाओं से दो-चार होते रहते हैं, तो धीरे-धीरे उसके प्रति एक स्वीकार्यता का भाव आपमें आ जाता है। जेएनयू में वामपंथियों द्वारा बलात्कार न पहली और न ही आखिरी घटना है।