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मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक सफलता, अब अमेरिका ने भी माना पाक को आतंकी देश

भारत लंबे समय से पाक परस्त आतंकवाद से पीड़ित रहा है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वैश्विक मंच से आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरते रहे हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य वैश्विक मंचों के माध्यम से इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि पाक जैसे देश जो विश्व शांति के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, उन्हें आतंकी देश की सूची में शामिल किया जाए। भारत की इस मुहीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है।

देश को तोड़ने वाली राजनीति का उदाहरण है कर्नाटक सरकार का अलग झंडे का राग

कर्नाटक को मानो की किसी की नजर लग गई है। कथित तौर पर हिन्दी थोपे जाने को लेकर वहां के कुछ शरारती तत्व सड़कों पर उतर आते हैं। कावेरी जल के बंटवारे के प्रश्न पर उधर तमिलों को पीटा जाता है। अब कर्नाटक फिर से नकारात्मक कारणों से सुर्खियों में हैं। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार राज्य के लिए अलग झंडे और सिंबल के लिए एक्शन में आ गई है।

भारत से युद्ध की हालत में नहीं है चीन, ऐसा किया तो ये उसकी बहुत बड़ी भूल होगी !

चीन में स्थिति ये है कि वहाँ कभी बेहद सस्ती रही श्रम शक्ति अब धीरे-धीरे बढ़ते बुढ़ापे के कारण महँगी होती जा रही है, जिससे चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव है। भारत में अपने उत्पादों के लिए बढ़ती मुश्किलों और आंतरिक रूप से डांवाडोल हो रही अर्थव्यवस्था के कारण ऊपर से मजबूत और चमक-दमक वाला दिख रहा चीन अन्दर ही अन्दर आर्थिक रूप से काफी परेशान है। ऐसे

महागठबंधन में मची अंतर्कलह में नया कुछ नहीं, ऐसे गठबंधनों का यही हश्र होता है

नीतीश कुमार की छवि एक ईमानदार राजनेता की रही है, लेकिन सत्ता और महत्वाकांक्षा को हासिल करने की चाहत ने उन्हें महागठबंधन का हिस्सा बनने के लिये मजबूर कर दिया, जबकि राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का ईमानदारी से दूर-दूर तक का नाता नहीं है। बावजूद इसके लालू प्रसाद यादव अपने परिवार को किसी भी तरह से सत्ता की कुर्सी पर बिठाकर रखना चाहते हैं। उनके परिवार के

मूछ-दाढ़ी की बचकाना दलीलों की बजाय आरोपों का तथ्यात्मक जवाब दे, लालू परिवार !

लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें इन दिनों बढ़ी हुई हैं। यूँ तो लालू पहले से ही चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। लेकिन, अब उनसे लेकर उनके परिवार के सदस्यों तक के खिलाफ एक के बाद एक आरोप जिस तरह से सामने आए हैं तथा सरकारी एजेंसियों द्वारा उनपर कार्रवाई हुई है, उससे साफ़ ज़ाहिर है कि लालू की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। शायद समय आ गया है कि उन्हें अपने पूरे कच्चे-

बंगाल हिंसा : इखलाक और जुनैद पर आंसू बहाने वाले कार्तिक घोष पर सन्नाटा क्यों मारे हुए हैं ?

कार्तिक घोष न तो जुनैद बन पाया और न ही अखलाक। कार्तिक के लिए तथाकथित सेकुलरों से लेकर स्वघोषित मानवाधिकारवादियों ने जंतर-मंतर पर जाकर कैंडिल मार्च भी नहीं निकाला। बता दें कि पश्चिम बंगाल के 24 परगना में बीते दिनों भड़की खूनी सांप्रदायिक हिंसा में कार्तिक को अपनी जान गंवानी पड़ी। ये देश के सेकुलरानों का मिजाज है। कोई हिन्दू मारा जाए तो उफ तक न करो। कोई मुसलमान भीड़ का शिकार हो तो

ममता के संकीर्ण राजनीतिक हितों में फँसकर दंगों का प्रदेश बनने की ओर बढ़ता बंगाल !

बंगाल इन दिनों दो तरफा समस्याओं से घिरा हुआ है। एक तरफ गोरखा आन्दोलन में दार्जीलिंग डूबा हुआ है, तो वहीं दूसरी ओर उत्तरी परगना जिले के बादुरिया और बाशीरहाट सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहे हैं। इन सबमें सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है ममता सरकार, जो इन उत्पातों को रोककर शांति कायम करने में विफल नज़र आ रही है। बंगाल में पहली बार ऐसा तनाव देखने को नही मिल रहा, बल्कि हाल के वर्षों में बंगाल में

ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण हिंसा की आग में जलता बंगाल

पश्चिम बंगाल में एकबार फिर सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क उठी है। सूबे के उत्तरी परगना जिले के बसिरहाट के बादुरिया में एक युवक द्वारा फेसबुक पर की गयी कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा ने जन्म ले लिया। साफ़ शब्दों में मामले को समझें तो ख़बरों के अनुसार, सौरव सरकार नाम के एक बारहवीं में पढ़ने वाले लड़के ने बीती दो जुलाई को अपनी फेसबुक वाल पर

अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने से हलकान हुआ पाक

सलाहुद्दीन कश्मीर में पाक प्रायोजित आतंकवाद का चेहरा है और हिजबुल मुजाहिदीन घाटी में सक्रिय सबसे पुराना आतंकी संगठन है। आतंकी फंडिंग को लेकर पहले ही पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की जांच का सामना कर रहा है। जाहिर है, ऐसे में अब सलाहुद्दीन के मुद्दे पर पाकिस्तान की असहजता व बेचैनी प्रकट हो रही है। वो सलाहुद्दीन के बचाव में दलीलें दे

चीन भूल रहा है कि ये 1962 के भारत की सेना और सरकार नहीं है !

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर खिटपिट कोई नयी बात नहीं है, मगर इसबार चीन ने सिक्किम में जो किया है, उसे मामूली नहीं कह सकते। पहले चीन ने सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के बंकरों को क्षति पहुंचाई, फिर अब उलटे भारत से वहाँ सेना को हटाने की मांग कर रहा है। चीन का कहना है कि भारत जबतक सीमा पर से अपनी सेना को वापस नहीं बुला लेता तबतक सीमा विवाद को लेकर आगे कोई बात नहीं