नजरिया

वित्तीय समावेशन से भारत में गरीब वर्ग का हो रहा कायाकल्प

आज वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में, दुनिया के कई देश, भारत को मिसाल के तौर पर देखने लगे हैं कि किस प्रकार 140 करोड़ से अधिक की आबादी वाले देश ने…

सितवे बंदरगाह : देश को “चिकन नेक सिंड्रोम” से मुक्ति दिलाने में कामयाब रही मोदी सरकार

मोदी सरकार ने कोलकाता और सितवे (म्यांमार) बंदरगाहों के बीच जलमार्ग से आवाजाही शुरू कर देश को “चिकन नेक सिंड्रोम” से मुक्ति दिलाने की कारगर पहल की है।

यूपी निकाय चुनाव परिणाम : ये डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों की विजय है!

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में निकाय चुनावों में मिली यह जीत भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का ही परिणाम है।

बिहार में अपनी छवि गँवा चुके नीतीश किस आधार पर देश में विपक्षी एकता की संभावना तलाश रहे हैं ?

अब नीतीश देश में विपक्षी एकता की गुहार लगाते घूम रहे हैं। तेजस्वी के साथ वह दर-दर भटक रहे हैं। इनके राजनीतिक सपने तो हसीन हैं, लेकिन वास्तविकता से दूर हैं।

महाराणा प्रताप : जिनका युद्ध-कौशल ही नहीं, सामाजिक-सांगठनिक कौशल भी अतुलनीय था

जिनका नाम लेते ही नस-नस में बिजलियाँ-सी कौंध जाती हों; धमनियों में उत्साह, शौर्य और पराक्रम का रक्त प्रवाहित होने लगता हो- ऐसे परम प्रतापी महाराणा प्रताप की आज जयंती है। आज का दिवस मूल्यांकन-विश्लेषण का दिवस है।

ऑपरेशन कावेरी : विदेश में फंसे भारतीयों के लिए एकबार फिर संकटमोचक बनी मोदी सरकार

जब-जब विदेशों में भारतीयों पर किसी भी प्रकार का संकट आया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देवदूत बनकर उनकी मदद की।

मन की बात : जनसंवाद की नई इबारत लिखने वाला कार्यक्रम

आज 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी आदि 11 विदेशी भाषाओं में भी ‘मन की बात’ का प्रसारण होता है।

भारत में निवेश का एक नया केंद्र बनने की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर

उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर भी देश के अन्य राज्यों के समानांतर आर्थिक विकास की पटरी पर दौड़ता दिखाई देगा।

आदि गुरु शंकराचार्य : भारतीय सांस्कृतिक एकता के प्रतीक

ब्रह्म ही सत्य है, जगत मिथ्या और जीव ही ब्रह्म है, उससे भिन्न नहीं। वेदांत की इस वाणी को सिद्ध करने वाले महान मनीषी परमपूज्य आदि गुरु शंकराचार्य के नाम से विश्व विख्यात हैं।

शस्त्र और शास्त्र की समन्वित शक्ति के प्रतीक हैं परशुराम

मनुष्य के लिए आत्मरक्षण और समाज-सुख-संरक्षण के निमित्त शस्त्र का आराधन भी आवश्यक है। शर्त यह है कि उसकी शस्त्र-सिद्धि पर शास्त्र-ज्ञान का दृढ़ अनुशासन हो। भगवान परशुराम इसी शस्त्र-शास्त्र की समन्वित शक्ति के प्रतीक हैं। सहस्रार्जुन के बाहुबल पर उनकी विजय उनकी शस्त्र-सिद्धि को प्रमाणित करती है, तो राज्य भोग के प्रति उनकी निस्पृहता