कामकाज

देश के अन्नदाता की समस्याओं को दूर करने वाला सर्वसमावेशी बजट

अंतरिम बजट में किसानों को अधिकतम लाभ देने की कोशिश की गई है। मनरेगा के लिये  2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिससे गाँवों को निकट के शहरों से जोड़ने में मदद मिलेगी।

दलहन क्रांति : मोदी सरकार के प्रयासों से दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने की राह पर देश

भारतीय खेती की बदहाली की एक बड़ी वजह एकांगी कृषि विकास नीतियां रही हैं। वोट बैंक की राजनीति के कारण सरकारों ने गेहूं, धान, गन्‍ना, कपास जैसी चुनिंदा फसलों के अलावा दूसरी फसलों पर ध्‍यान ही नहीं दिया। इसका सर्वाधिक दुष्‍प्रभाव दलहनी व तिलहनी फसलों पर पड़ा। घरेलू उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी न होने का नतीजा यह हुआ कि दालों व खाद्य तेल का आयात तेजी से

प्रयागराज : कुम्भ से प्रवाहित हुई विकास की धारा

कुंभ का ऐतिहासिक महत्व विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार का आयोजन अन्यत्र कहीं भी नहीं होता है। यह उचित है कि प्रत्येक सरकारें अपने स्तर पर इसके निर्बाध आयोजन का प्रयास करती रही हैं। लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इसे यहीं तक  सीमित नहीं रखा। उसने अपने को भावनात्मक रूप से भी कुम्भ से जोड़ा है। यह अंतर तैयारियों में भी दिखाई दिया।

गैस पाइपलाइन का राष्‍ट्रीय नेटवर्क बना रही है मोदी सरकार

हर घर तक बिजली, सड़क, शौचालय, रसोई गैस पहुंचाने के बाद मोदी सरकार देश भर में पाइपलाइन से गैस आपूर्ति का नेटवर्क तैयार कर रही है। सरकार गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में प्राकृतिक गैस को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का विशाल नेटवर्क जरूरी है।

पूर्वांचल में विकास की नयी इबारत लिख रहा बनारस

नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी को केंद्र बनाकर समूचे पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और समीपवर्ती बिहार में चिकित्‍सा ढांचा, रेल, सड़क, पाइपलाइन, जलमार्ग का व्‍यवस्‍थित नेटवर्क बिछाया जा रहा है। पूर्वी उत्‍तर प्रदेश और बिहार में चिकित्‍सा सुविधाएं बेहद पिछड़ी हुई हैं। यही कारण है कि यहां के लोगों को इलाज के लिए लखनऊ से लेकर दिल्‍ली तक का चक्‍कर लगाना पड़ता है।

चार सालों में सुशासन और विकास के हर मोर्चे पर कांग्रेस से बेहतर साबित हुई है मोदी सरकार !

2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपानीत राजग की सरकार सत्ता में आई। आजादी के इतने वर्षों बाद पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार को अकेले दम पर बहुमत मिला। नरेन्द्र मोदी के करिश्माई चेहरे के आगे विपक्ष ढेर हो गया। जनता ने मोदी को दिल खोलकर अपना समर्थन दिया। इसका मुख्य कारण था कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की कुनीतियाँ। कांग्रेस के कार्यकाल में भ्रष्टाचार

सरकार के सुधारों से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में हो रही वृद्धि

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में किये जा रहे सुधारों के कारण जीएसटी रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसका पता वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में पेश किये गये आंकड़ों से चलता है। आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत कंपनियों/कारोबारियों में से 71.25 प्रतिशत ने नवंबर, 2018 में जीएसटी मासिक रिटर्न दाखिल किया था, जबकि जुलाई, 2018 में यह 80 प्रतिशत था। जनवरी, 2018 में 87.4 प्रतिशत रिटर्न दाखिल गया था, जबकि अगस्त, 2017 में यह 92.6 प्रतिशत था।  

बहुआयामी नीतियों से किसानों की आय दोगुनी करने की ओर बढ़ रही मोदी सरकार

मोदी सरकार का मकसद किसानों की समस्या का निदान करना है, न कि लोकलुभावन योजनाओं  के माध्यम से उन्हें लुभाना। उदाहरण के तौर वर्ष 2008 में कृषि कर्ज माफी का नारा दिया गया था, लेकिन 5 से 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में से केवल 72,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने की घोषणा की गई और केवल 52,500 करोड़ रुपये माफ किया गया, जिसका

आकांक्षी जिला कार्यक्रम : मोदी राज में अति पिछड़े जिलों में भी पहुँच रही विकास की रोशनी

देश के सर्वागीण विकास और 2022 तक न्‍यू इंडिया के ख्‍वाब को हकीकत में बदलने के लिए मोदी सरकार ने देश के 115 सबसे पिछड़े जिलों में 5 जनवरी 2018 को आकांक्षी जिला कार्यक्रय (एस्‍पीरेशनल डिस्‍ट्रिक्‍ट प्रोग्राम या एडीपी) शुरू किया।

मोदी सरकार के सुधारवादी क़दमों से अर्थव्यवस्था के मानकों में बेहतरी के संकेत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल से दिसंबर महीने के दौरान सरकार का आयकर राजस्व 7.43 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 13.6 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि अग्रिम कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 14.5 प्रतिशत ज्यादा है।