कामकाज

महिलाओं को चूल्‍हे के धुंए से आजादी दिलाने में कामयाब रही मोदी सरकार !

आजादी के बाद गरीबी मिटाने की सैकड़ों योजनाओं के बावजूद गरीबों की तादाद में अपेक्षित कमी नहीं आई तो इसका कारण है कि हमने उन कारणों को दूर नहीं किया जो लोगों को गरीबी के बाड़े में धकेलती हैं। आजादी के बाद से ही सरकारों का पूरा जोर सस्‍ता राशन और भत्‍ता बांटने पर रहा ताकि गरीबों में असंतोष न पनपे और वोट बैंक की राजनीति बदस्‍तूर चलती रहे। यदि सरकारों ने बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य,

जीडीपी में निरंतर वृद्धि दिखाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था रफ़्तार पकड़ रही है !

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ताजा आंकड़े अर्थव्यवस्था को लेकर आश्वस्त करते हैं। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्तूबर से दिसंबर, 17 की तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर बढ़ कर 7.2 प्रतिशत पहुंच गई, जो वित्त वर्ष, 17 की दूसरी तिमाही में 6.5% थी। यह वृद्धि पिछली 5 तिमाहियों में सबसे अधिक है। यही नहीं, ताजा आंकड़ों के साथ भारत ने जीडीपी की वृद्धि दर के मामले में चीन को भी पीछे

बेघरों को घर मुहैया कराने में जुटी मोदी सरकार !

दुनिया के सबसे उपजाऊ मैदानों, सदानीरा नदियों और मेहनतकश आबादी के बावजूद आज देश के करोड़ों लोगों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत जरूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है तो इसकी वजह भ्रष्‍टाचार ही है। इसी को देखते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत से बाद आजाद होने वाले देश विकास के मामले में हमसे कई कदम आगे निकल गए हैं।

मोदी केयर : आम जन के स्वास्थ्य की सुध लेने वाली योजना

सरकार ने वित्त वर्ष, 2019 के बजट में “आयुष्मान भारत” कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (एनएचपीएस) नाम से एक नई योजना की घोषणा की है। इसे मोदी केयर भी कहा जा रहा है। इसके अंतर्गत प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवार (लगभग 50 करोड़ लाभार्थी) लाभान्वित होंगे और

विकास की योजनाओं को जमीन पर साकार करने वाला है योगी सरकार का बजट !

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के समग्र विकास की जो रणनीति बनाई है, बजट के माध्यम से उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम भी बढ़ा दिया है। इन्वेस्टर समिट से लेकर केंद्र की योजनाओं को प्रदेश में लागू करना योगी सरकार की प्राथमिकता में रहा है। पिछले दस महीने में सरकार ने इसी दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। अब सरकार ने किसान, कृषि, गांव, फसल खरीद केंद्र, बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ सेवाएं, शिक्षा, निवेश, उद्योग आदि सभी क्षेत्रों की बेहतरी के प्रस्ताव अपने बजट में किये गए हैं।

कारोबारी सुगमता को और बढ़ाने की कोशिशों में जुटी मोदी सरकार !

केंद्र सरकार ने देश में निवेश को प्रोत्साहन देने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए तरह तरह के सुधार किये हैं, जिसे तकनीकी भाषा में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस कहते हैं। सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। इस साल भारत 50वें स्थान को पाना चाहता है, लेकिन इसमें सुधार करने के लिये लगभग ढाई

मोदी केयर : गरीबी उन्मूलन की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी ये योजना

अब तक की सरकारें गरीबों को दान-दक्षिणा वाली योजनाओं में उलझाए रखती थीं ताकि वोट बैंक की राजनीति पर आंच न आए। यही कारण है कि गरीबी उन्‍मूलन की सैकड़ों योजनाओं और लाखों करोड़ रूपये खर्च करने के बावजूद गरीबों की तादाद में अपेक्षित कमी नहीं आई। मोदी सरकार इन सबसे अलग है, क्‍योंकि वह गरीबों को समर्थ बना रही है ताकि वे उदारीकृत अर्थव्‍यवस्‍था में अपनी भागीदारी सुनिश्‍चित कर सकें।

नए भारत के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाला बजट

आर्थिक समीक्षा आने के पश्चात् यह अंदाज़ा हो गया था कि वित्त मंत्री अरूण जेटली राजनीतिक लाभ-हानि से परे दूरगामी हितों पर आधारित एक विकासोन्मुखी बज़ट प्रस्तुत करेंगे, जिसमें गाँव, कृषि और रोजगार पर ज्यादा फोकस रहेगा। हुआ भी ऐसा ही, वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 2018-19 के आम बजट में ग्रामीण विकास, ग्रामीण रोजगार और स्वास्थ्य को लेकर कई अहम योजनाओं की घोषणाएं की जो आगामी वर्षों में किसान और ग्रामीण जनता के जीवन में सकरात्मक बदलाव ला सकती हैं।

बजट 2018 : देश के सर्वांगीण विकास को समर्पित मोदी सरकार का साहसिक बजट !

मोदी सरकार ने वर्ष 2018 का वार्षिक और अपने कार्यकाल का अंतिम पूर्णकालीन बजट गत 1 फरवी को सदन में पेश किया। इस बजट में यूँ तो सबसे अधिक महत्व् ‘कृषि’ व् ‘स्वास्थ्य’ से जुड़े विषयों को दिया गया है, लेकिन अन्य क्षेत्रों की भी इसमें अनदेखी नहीं की गयी है। चुनाव से पूर्व सरकारों द्वारा प्रायः लोकलुभावन बजट पेश किया जाता है, लेकिन यह बजट मोदी सरकार ने लोकलुभावन घोषणाओं की बजाय दूरगामी हितों

‘रेलवे के लिए मोदी सरकार ने साढ़े तीन साल में तीस साल के बराबर काम किया है’

इसबार बजट में रेलवे को लेकर कई महत्वपूर्ण एलान हुए हैं, जिनका असर आने वाले वक़्त में देखने को मिलेगा। लेकिन, गौर करें तो मोदी सरकार ने पिछले लगभग साढ़े तीन साल में ऐसे कई कदम उठाए हैं जो रेलवे का कायाकल्‍प करने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने रेलवे को एक ऐसा इंजन बनाने का लक्ष्‍य रखा है जो नए भारत की दिशा में देश की विकास यात्रा को नई गति प्रदान करेगा। देखा जाए तो मोदी सरकार ने महज साढ़े तीन