पॉलिटिकल कमेंटरी

बोडोलैंड विवाद के समाधान से असम में खुलेगी शांति, स्थिरता और विकास की नयी राह

मोदी सरकार का नारा रहा है – सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इस मूलमंत्र पर आगे बढ़ते हुए, दशकों पुराने इस विवाद का अंत करते हुए सभी पक्षों ने एक साथ बैठाकर वार्ता की और समझौते की रूपरेखा तय होने के बाद इस विवाद का भी अंत हो गया। दरअसल सरकार की सख्ती के बाद अलग राज्य की मांग करने वालों को यह आभास

नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं राज्य सरकारें

हाल ही में देश के नामी वकील तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा कि, संसद से पारित हो चुके नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने से कोई राज्य किसी भी तरह से इनकार नहीं कर सकता और यदि कोई राज्य ऐसा करता है तो यह असंवैधानिक होगा।

जम्मू-कश्मीर में कायम हुई शांति, कश्मीरी पंडितों की भी होगी वापसी

कश्मीर से विस्थापित हुए पंडितों की घर वापसी को लेकर अब तक सेक्युलर ज़मात के लोग कमोबेश चुप ही रहे हैं, इस डर से कि कहीं मुस्लिम वोट बैंक उनसे नाराज़ न हो जाए। कश्मीरी पंडितों को घाटी से उजड़े हुए 30 साल का वक़्त हो गया, लिहाज़ा यह सवाल बहुत ही जायज़ है कि खुद के सेक्युलर होने का दावा करने वाली तमाम पार्टियां जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, अब तक

शाहीन बाग : क्या मुस्लिम महिलाएँ और बच्चे अब विपक्ष का नया हथियार हैं?

सीएए को कानून बने एक माह से ऊपर हो चुका है लेकिन विपक्ष द्वारा इसका विरोध अनवरत जारी है। बल्कि गुजरते समय के साथ विपक्ष का यह विरोध “विरोध” की सीमाओं को लांघ कर हताशा और निराशा से होता हुआ अब विद्रोह का रूप अख्तियार कर चुका है। शाहीन बाग का धरना इसी बात का उदाहरण है। अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए ये दल किस हद तक जा सकते हैं

नागरिकता संशोधन क़ानून के देशव्यापी समर्थन से सेकुलर गिरोह में बढ़ती बेचैनी

जैसे-जैसे नागरिकता संशोधन कानून का देश भर में समर्थन बढ़ रहा है वैसे-वैसे कांग्रेस-वामपंथ समर्थक सेकुलर खेमे में बेचैनी बढ़ती जा रही है। इस बेचैनी की अभिव्‍यक्‍ति के लिए मुसलमानों और विश्‍वविद्यालयों के वामपंथी रूझान वाले छात्रों को ढाल बनाकर देश विरोधी नारे लगवाए जा रहे हैं। अब तो ये कश्‍मीर से आगे बढ़कर पश्‍चिम बंगाल, असम और

लखनऊ में होने जा रहा डिफेन्स एक्सपो 2020, भारत को रक्षा विनिर्माण हब बनाने की कवायद

अगले महीने स्वतंत्र भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ेगा। पांच फरवरी से नौ फरवरी तक लखनऊ में अभूतपूर्व डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मेक इन इंडिया अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। योगी आदित्यनाथ सरकार ने दो वर्ष पहले इन्वेस्टर्स समिट का अभूपपूर्व आयोजन किया था। इतना ही नहीं प्रयागराज कुम्भ, प्रवासी सम्मेलन भी

हिंसक विरोध प्रदर्शनों से निपटने में योगी सरकार ने नया मानक स्थापित किया है

एक ओर योगी सरकार उत्‍तर प्रदेश में दंगाइयों पर काबू पाने और कानून का राज स्‍थापित करने में जुटी है तो दूसरी ओर कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी दंगाइयों का समर्थन कर वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता राम गोविंद चौधरी ने तो मुस्‍लिमपरस्‍ती की अति करते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वालों को पेंशन देने के

नागरिकता संशोधन क़ानून पर विपक्षी कुप्रचारों का खेल खत्म, देश में शांत हुआ माहौल

नागरिकता संशोधन कानून पर देश भर में मचा बवाल अब ठंडा हो चुका है। हालात अब काबू में हैं और सरकार हर हाल पर नजर रखे हुए है। पिछले सप्‍ताह उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए और उपद्रवी तत्‍वों ने सार्वजनिक संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया। इस बार उप्र सरकार

मोदी राज में मुसलमानों के सशक्तिकरण से घबड़ाई कांग्रेस

मोदी सरकार का सर्वाधिक बल मुसलमानों का शैक्षिक पिछड़ापन दूर करने पर है। इसके लिए सरकार मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए  थ्री-टी योजना अर्थात टायलेट, टिफिन और टीचर पर काम कर रही है। इसके तहत देश भर के मदरसों में एक लाख शौचालय बनवाने का लक्ष्‍य रखा गया है

जयंती विशेष : ‘भारत की राजनीति में ‘अटल’ सर्वथा अटल थे और अटल ही रहेंगे’

अपने 65 वर्षों के सक्रिय जीवन में 56 वर्ष वाजपेयी विपक्ष में रहे और नौ साल सत्ता में रहे। वे लोकसभा के लिए दस बार निर्वाचित हुए और राज्यसभा के लिए दो बार। वे मोरारजी देसाई मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री रहे और बाद में तीन बार प्रधानमंत्री बने। लेकिन चाहे वे विपक्ष में रहे हों या सत्ता में, अटलजी ने आजादी के बाद से ही देश के विकास में मौलिक