ब्लॉगवाणी

गुरुनानक देव : जिन्होंने मानव को सांसारिक जीवन में रहते हुए ईश्वर को पाने का मार्ग दिखाया

जब गुरुनानक देव जी कहते हैं कि “एक ओंकार, सतनाम”, तो उनके आध्यात्म की इस परिभाषा को केवल उनके अनुयायी ही नहीं बल्कि प्राचीन वेद विज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान भी स्वीकार करने पर विवश हो जाता है।

छठ पर्व हमें बताता है कि हर अस्त का उदय निश्चित है

छठ के हर सूप, हर गमले या डगरे में दूध या जल का दान बर्बादी नहीं बल्कि अर्घ्य-दान है, कृतज्ञ मानव का प्रकृति के प्रति यह अपनी ही तरह की श्रद्धाभिव्यक्ति है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में भारत ने वो काम भी कर दिखाया जो पूर्ववर्ती सरकारों के लिए असंभव माना जाता था। आज वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख…

मोदी सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना को मिली वैश्विक पहचान

मोदी सरकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्‍तांतरण योजना (डीबीटी) एक बार फिर चर्चा में है। विश्व बैंक ने न सिर्फ मोदी सरकार की प्रशंसा की है बल्कि अन्य देशों को इससे सीखने की सलाह दी है।

उत्तर प्रदेश : सुशासन की स्थापना में सफल सिद्ध होता योगी मॉडल

मुख्यमंत्री योगी के शासन में यूपी कानून-व्यवस्था और विकास के मानदंडों को मजबूती से थामकर सुशासन की परिकल्पना को सिद्ध करते हुए सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।

लॉजिस्टिक लागत घटाने में जुटी मोदी सरकार

मोदी सरकार 2014 से ही देश को विनिर्माण धुरी बनाने की कवायद में जुटी है। इसके तहत पहले रेलवे, सड़क, बिजली, दूरसंचार, नियमों के सरलीकरण पर ध्यान दिया गया।

स्वतंत्रता दिवस विशेष : भारत के स्वाभिमान, स्वतंत्रता, आकांक्षा तथा आदर्श का प्रतीक है तिरंगा!

18 जुलाई, 1947 को हमारे तिरंगा को एक मानक रुप प्रदान किया गया और भारत के राष्ट्रध्वज को 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वीकार किया था और 26 जनवरी 1950 को इसे राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अंगीकार किया गया। 

आरबीआई द्वारा रेपो दर में वृद्धि से वस्तुओं के दामों में आएगी कमी

विश्व की लगभग सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अपनी वृद्धि रफ्तार को दुरुस्त करने की को​शिश कर रही हैं, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में ज्यादा मजबूत है। इसलिए, विशेष चिंता की जरूरत नहीं है।

सत्ता के गलियारे तक पहुंचते आम लोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी शोर-शराबे के जमीन से जुड़े आम लोगों को सत्ता के गलियारे तक पहुंचा रहे हैं। यही कारण है कि वंचित वर्गों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं व दलों की जमीन खिसकने लगी है।

केंद्र सरकार के प्रयासों से मजबूत हो रहे भारतीय बैंक

सरकार के प्रयासों से बैंकों के एनपीए में कमी दृष्टिगोचर हो रही है। पिछले 6 वर्षों के दौरान सरकार ने लगातार बैंकों की हर तरह की समस्याओं के समाधान हेतु प्रयास किए हैं।