अच्छे दिन

विपक्ष के अवरोधों के बावजूद तीन वर्षों में विकास-पथ पर सतत बढ़ती रही है सरकार

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले तीन वर्षों के शासनकाल के दौरान सरकार के क़दमों से देश की छवि में व्यापक रूप से बदलाव आया है। इस दौरान ये सरकार एक निर्णयकारी सरकार के रूप में उभरी है और यही कारण है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रशासकीय छवि, लोक-कल्याण को समर्पित नीतियों, मज़बूत इच्छाशक्ति और सशक्त नेतृत्व की असीम क्षमता की स्वीकृति पूरे विश्व में देखने को मिली है।

योगी सरकार की कार्यशैली दिखाती है कि यूपी के अच्छे नहीं, बहुत अच्छे दिन आने वाले हैं !

योगी आदित्यनाथ ने चंद दिनों में ही अपनी कार्यशैली से सबको प्रभावित किया है । उन्होंने अब तक जिन बड़ी समस्याओं पर गौर किया है, वह हैं – किसानों की क़र्ज़माफ़ी समेत उनकी अन्य समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम उठाना, उत्तर प्रदेश के शिक्षा तंत्र की एक बड़ी समस्या, 10-12वीं की परीक्षा में अब तक होती आई बेतहाशा नक़ल को रोकना ।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल है राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति

मोदी सरकार की केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति – 2017 को मंज़ूरी दे दी गयी। इसके जरिए देश में सभी को निश्चित स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का प्रस्ताव है। केंद्र सरकार की इस नीति के तहत अब देश का हर नागरिक स्वास्थ्य लाभ का हकदार होगा। दरअसल इस नीति की भूमिका सन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आते ही तैयार कर दी गयी थी, जब इसके एक प्रारूप को जनसामान्य की राय के

मोदी सरकार की कोशिशों का दिखने लगा असर, बेरोजगारी दर में आयी भारी गिरावट

देश की सत्ता पर काबिज होते ही जनता के सपनों के बारे में सोचने वाली मोदी सरकार ने जनहित की दिशा में अब एक और उपलब्धी हासिल की है। गत दिनों आई एसबीआई इकोफ्लैश की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी की दर में पिछले 6 महीनो में गिरावट दर्ज की गई है। एसबीआई के आर्थिक शोध विभाग ने एक नोट में कहा, हमारा मानना है कि बेरोजगारी में गिरावट का प्रमुख कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नये

सरकार की कृषि नीतियों का दिखने लगा असर, फसलों के उत्पादन में हुई रिकॉर्ड वृद्धि

नोटबंदी के बाद विरोधियों द्वारा सबसे ज्यादा इस बात पर बवाल किया गया कि इससे किसानों और खेती को बहुत नुकसान पहुंचेगा। कृषि व्यवस्था बर्बाद हो जाएगी। लेकिन, अगर इस साल के पैदावार से सम्बंधित आंकड़ों पर गौर करें तो विरोधियों के सभी दावों की पोल खुलकर सामने आ जाती है। चालू फसल वर्ष में अबतक की सर्वाधिक पैदावार हुई है। पैदावार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है मानसून; जो कि

मोदी सरकार की मुद्रा योजना से छोटे उद्यमियों के आएंगे अच्छे दिन!

देश के छोटे व्यापारियों के काम को बढ़ावा देने और उन्हें सक्षम बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। छोटे कारोबारियों के उद्योगों को बढ़ावा देने तथा बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने विशेष रूप से मुद्रा योजना का शुभारंभ किया है। मोदी सरकार की इस योजना को छोटे व्यापारियों के नजरिए से एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। मोदी सरकार की

सरकार की गरीब कल्याण योजना से सुधरेगी गरीबों की हालत!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जबसे केंद्र में भाजपा-नीत राजग सरकार आई है, तबसे लेकर अबतक सरकार की तरफ एक के बाद एक अलग-अलग प्रकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की जाती रही है। जनधन योजना, कौशल विकास योजना, स्टैंडअप और स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, फसल बीमा योजना, मुद्रा बैंक योजना आदि अनगिनत

सफलता की ओर प्रधानमंत्री आवास योजना, ख़त्म होगी बेघरी की समस्या!

आज़ादी के 69 वर्षों बाद भी आज हमारे देश में लगभग 5 करोड़ परिवार ऐसे हैं, जिनके सिर पर एक अदद छत का साया नहीं है। वे बेघरी में फूटपाथ पर या जर्जर झुग्गी-झोपड़ियों में दुर्दशा के साथ जीने को अभिशप्त हैं। ऐसे करीब 2 करोड़ परिवार शहरों में और 3 करोड़ परिवार देश के गांवों में बसते हैं। लेकिन, संतोषजनक बात ये है कि केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार इन लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए एक

सरकार की नीतियों से सुधर रही टेलिकॉम सेक्टर की दशा, दो साल में पैदा हुए डेढ़ लाख से अधिक रोजगार!

विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहा है। चीन जैसे विकसित देश समेत कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगा गयी है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में भी भारत की अर्थव्यवस्था न केवल स्थिर है, बल्कि तेज गति से आगे बढ़ रही है। गौरतलब है कि पिछली सरकार की अपेक्षा मोदी सरकार ने न केवल कई नई और प्रभावी योजनायें लायी हैं, बल्कि मजबूत भरोसे के साथ निवेशकों को नियम और कायदों के मकड़जाल से मुक्ति दिलाई

रेल बजट के आम बजट में शामिल होने से होगा रेलवे का तीव्र विकास, ख़त्म होंगी समस्याएं!

गणतंत्र के रूप में भारत का पहला बजट जब आया उस वक्त 1950-51 में रेलवे का राजस्व…