अनुच्छेद 370

जम्मू-कश्मीर : अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पहले से बेहतर हुए हालात

इसमें कोई संदेह नहीं है कि कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 को हटाया जाना केंद्र सरकार का एक बड़ा व ऐतिहासिक कदम था। इस कार्यवाही के बाद से ही विपक्ष ने एक तरह से ऐसा माहौल बनाया हुआ था कि कश्‍मीर में जन जीवन प्रभावित हो गया है और वहां बुनियादी सुविधाओं को लेकर अराजकता फैल गई है।

मोदी सरकार की कूटनीति से अनुच्छेद-370 पर दुनिया में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान

अनुच्छेद-370 पर पाकिस्तान का इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में अलग-थलग पड़ना यूँ ही नहीं हुआ है, इसके पीछे मोदी सरकार के लम्बे समय से किए जा रहे कूटनीतिक प्रयास हैं। इन प्रयासों के कारण ही आज भारत ऐसी कूटनीतिक लामबंदी करने में कामयाब हुआ है कि पाकिस्तान इस मुद्दे को लेकर जहां भी जा रहा है, उसे मुंह की खानी पड़ रही है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विकास और विश्व-बंधुत्व की भावना से पुष्ट नए भारत का संबोधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के यह संबोधन जहां एक तरफ इमरान की बौखलाहट, सतहीपन के चलते तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की सकारात्‍मकता, दूरदर्शिता, प्रगतिशीलता और मुदुभाषिता के चलते बरसों तक याद किए जाते रहेंगे। सही अर्थों में वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने विकास और जगकल्याण की भावना से पुष्ट ‘नए भारत’ का संबोधन दिया है, वहीं इमरान

अनुच्छेद-370 हटने से सिर्फ पाकिस्तान में ही मातम नहीं है, भारत में भी ‘कुछ लोग’ सदमे में हैं

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का मकसद यही था कि दशकों से वहां चल रहे खून खराबे को ख़त्म कर शांति की स्थापना की जाए।  कश्मीर के लोग भी धीरे-धीरे नयी व्यवस्था को अपनाने लगे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से राज्य की गतिविधियाँ चल रही हैं। अतः मोदी या भाजपा के विरोध मात्र के लिए कश्मीर को लेकर गलत जानकारियां फैलाना और सरकार का विरोध करना अनुचित और अस्वीकार्य है।

कबतक अपने बयानों से पाकिस्तान की मदद करती रहेगी, कांग्रेस!

भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाहट में है। वो लगातार इस मसले को विश्व पटल पर मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन दिक्कत ये है कि भारत की कूटनीतिक लामबंदी और बढ़ते वैश्विक प्रभाव के समक्ष चीन के सिवाय कोई भी देश इस मसले पर पाकिस्तान का साथ देने को तैयार नहीं नजर आ रहा है। चीन भी पूरी तरह से खुलकर उसका पक्ष नहीं ले पा रहा।

असंभव लगने वाली समस्याओं का समाधान करने वाले सौ दिन

नरेंद्र मोदी सरकार ने सौ दिन में होनहार विरवान की कहावत चरितार्थ की है। इस अल्प अवधि में अब तक असंभव लगने वाली समस्याओं का भी समाधान सफलता पूर्वक हो गया। संविधान के अस्थायी अनुछेद-370 को सत्तर वर्षों तक हंगामा बना कर रखा गया था। अनुछेद 35-ए पर भी यही स्थिति थी। मोदी सरकार ने मात्र दो दिन की संसदीय कवायद के बाद ही इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल दिया।

मोदी 2.0: इस सरकार ने सौ दिन में जितने बड़े काम किए हैं, कांग्रेस अपने पूरे शासन में नहीं की होगी

किसी सरकार के प्रारंभिक सौ दिन को उसकी आगे की कार्य-योजना के लिए एक प्रस्थान-बिंदु माना जाता है। अब मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के सौ दिन पूरे हुए हैं, तो यह देखना आवश्यक है कि प्रथम कार्यकाल से अधिक बहुमत से चुनकर आई यह सरकार किस नीति, नीयत और योजना के साथ आगे बढ़ रही है।

दुनिया में भारत की बढ़ती धाक का गवाह बना जी-7 सम्मेलन

जी-7 में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर  द्विपक्षीय मसला है। किसी तीसरे देश को इसमें हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीर में हालात सामान्य रहना सरकार की बड़ी सफलता है!

जम्‍मू और कश्‍मीर में अब हालात सामान्‍य हो गए हैं। गत 5 अगस्‍त को केंद्र सरकार ने कश्‍मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त करते हुए विशेष राज्‍य का दर्जा हटा दिया था। इसके पहले ही घाट में सुरक्षा प्रबंध चौकस थे और इसके बाद भी यहां लगातार व्‍यवस्‍थाएं पुख्‍ता बनी हुईं हैं।

वो तीन काम जिनसे विशेष हो गया इसबार का स्वतंत्रता दिवस

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक समारोह गरिमापूर्ण होता है। पूरा देश इसमें उत्साह के साथ सम्मलित होता है। यह हमारी राष्ट्रीय परम्परा है। लेकिन इस बार का पन्द्रह अगस्त विशेष कहा जा सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसकी तैयारी कुछ दिन नहीं बल्कि कई महीनों से चल रही थी।