इमरान खान

पीओके पर भारत के कड़े रवैये से थरथराता पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत कभी पाक अधिकृत कश्‍मीर की ओर नजर उठा कर देखेगा भी। इसी का नतीजा है कि जैसे ही भारतीय मौसम विभाग ने पाकिस्‍तान के गिलगिट, मुजफ्फराबाद, मीरपुर का तापमान बताना शुरू किया वैसे ही पाकिस्‍तान की नींद हराम हो गई।

कोरोना काल में भी भारत को परेशान करने की कोशिश में लगे पाक को हर मोर्चे पर मिल रही मात

इस कोरोना काल में भारत को परेशान करने में लगा पाक हर मोर्चे पर मात खा रहा है। अब सोचना पाकिस्तान को ही है कि वो कोरोना जैसे वैश्विक संकट के इस दौर में अब भी क्या खुद में कुछ बदलाव लाएगा और इस आपदा से अपने लोगों को बचाने के लिए काम करेगा या  भारत से बेमतलब का वैर ठानकर अपने लोगों को और मुश्किल में डालेगा।

‘क्या औरंगजेब और कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना आदर्श मानकर चल रहे हैं इमरान खान?’

आने वाले 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का द्वार सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। आज़ादी के बाद से पहली बार सिख अपने गुरु नानक के उस स्थान का दर्शन दीदार कर सकेंगे, जहाँ सिखों के दसवें गुरु ने अपने आखिरी पंद्रह वर्ष बिताये थे। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को लेकर कोई संशय कतई नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में विकास और विश्व-बंधुत्व की भावना से पुष्ट नए भारत का संबोधन

संयुक्त राष्ट्र महासभा के यह संबोधन जहां एक तरफ इमरान की बौखलाहट, सतहीपन के चलते तो दूसरी तरफ पीएम मोदी की सकारात्‍मकता, दूरदर्शिता, प्रगतिशीलता और मुदुभाषिता के चलते बरसों तक याद किए जाते रहेंगे। सही अर्थों में वैश्विक मंच से पीएम मोदी ने विकास और जगकल्याण की भावना से पुष्ट ‘नए भारत’ का संबोधन दिया है, वहीं इमरान

‘हाउडी मोदी’ में दिखी आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका की मजबूत जुगलबंदी

पाकिस्तान इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है और पश्चिमी देशों से माली मदद हासिल करने के लिए भला बनकर  पूरी दुनिया को भ्रमित करना चाहता है। लेकिन भारत की कोशिशों से अब अमेरिका सहित पूरी दुनिया को पता चल चुका है कि आतंकवाद का मरकज़ पाकिस्तान ही है, वहीं आतंक की विषबेल को खाद और पानी दिया जा रहा है, अतः उसके प्रति अब कोई भी देश किसी रियायत को तैयार नहीं है

अनुच्छेद-370 हटने से सिर्फ पाकिस्तान में ही मातम नहीं है, भारत में भी ‘कुछ लोग’ सदमे में हैं

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का मकसद यही था कि दशकों से वहां चल रहे खून खराबे को ख़त्म कर शांति की स्थापना की जाए।  कश्मीर के लोग भी धीरे-धीरे नयी व्यवस्था को अपनाने लगे हैं और शांतिपूर्ण ढंग से राज्य की गतिविधियाँ चल रही हैं। अतः मोदी या भाजपा के विरोध मात्र के लिए कश्मीर को लेकर गलत जानकारियां फैलाना और सरकार का विरोध करना अनुचित और अस्वीकार्य है।

पाकिस्तान में सिख और हिन्दू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन पर खामोश क्यों है सेकुलर ब्रिगेड?

एक तरफ पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर बनवाकर पूरी दुनिया की वाहवाही लेना चाहता है, तो वहीं दूसरी तरफ उसका एक ऐसा सच सामने आया है जिससे पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद करतारपुर कॉरिडोर को आनन-फानन में हरी झंडी दी। हालाँकि भारत सरकार की यह लम्बे अर्से से मांग रही थी, लेकिन इस खेल में पंजाब के दलबदलू नेता नवजोत सिंह सिद्धू का पाकिस्तान द्वारा खुलकर इस्तेमाल हुआ।

बद से बदतर होती पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था, खाने-पीने की चीजों में कटौती को मजबूर लोग

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय बेहद बुरे दौर में गुजर रही है। पुलवामा हमले के बाद   भारत द्वारा उससे मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीने जाने के बाद से उसकी हालत और खराब हुई है। अब बढ़ती महँगाई पर काबू पाने के लिये पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) से 6 अरब डॉलर कर्ज माँगा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के प्रमुख अब्दुल हफीज़ शेख के अनुसार यह कर्ज पाकिस्तान,

हिन्दू लड़कियों के ज़बरन निकाह ने खोली इमरान के ‘नए पाकिस्तान’ की पोल

इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का ओहदा सँभालते ही दुनिया को यह दिखाने की कोशिश शुरू कर दी कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने वाले सबसे बड़े पैरोकार हैं। वे नए पाकिस्तान का नारा देने लगे। सालों से जहाँ की सत्ता मिलिट्री और आईएसआई की हाथों रही हो, उस सरकार के वादों और दावों पर भरोसा तो कतई नहीं किया जा सकता।

सिद्धू को समझना चाहिए कि वे पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री हैं, देश के विदेश मंत्री नहीं!

क्रिकेटर से राजनेता बने कांग्रेस की पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों पाकिस्तान में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी और लगाव दिखाने लगे हैं। मशहूर तो वह अपने हंसी ठहाके के लिए पहले भी थे, अब अपने पाकिस्तान प्रेम को लेकर उनकी चर्चा हो रही है।