कोरोना

बहुत तेजी से चल रहा टीकाकरण अभियान, अंधविरोध से बाज आए विपक्ष

टीकाकरण अभियान अब महाअभियान का रूप ले चुका है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह कागजों पर नहीं वरन ठोस धरातल पर साफ दिखाई दे रहा है।

कोरोना के विरुद्ध मजबूती से लड़ रहा भारत

देश में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए टीका जैसा हथियार अचानक से विकसित नहीं हो गया। इसे विकसित करने के लिए सरकार शुरू से ही योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही थी।

कर संग्रह में वृद्धि और बेहतर मानसून से अर्थव्यवस्था होगी मजबूत

कोरोना की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद चालू वित्त वर्ष में अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग दोगुना रहा।

कोरोना काल में कारोबारियों को राहत देने की कवायद

तीन जून को सेंसेक्स 382 पॉइंट चढ़कर रिकॉर्ड 52,232 पर और निफ्टी 15,690 पर बंद हुआ है। बाजार की बढ़त का मुख्य कारण देश में कोरोना वायरस का घटता संक्रमण दर और केंद्रीय बैंक द्वारा नीतिगत दरों को यथावत रखना है।

कांग्रेस शासित राज्यों में वैक्सीन के कुप्रबंधन पर खामोश क्यों हैं राहुल गांधी?

जहां तक केंद्र सरकार के रूख की बात है, वो बेकार की राजनीति में पड़े बिना कोरोना की रोकथाम और टीकाकरण में लगी हुई है।

कोरोना संकट के दौर में और निखरकर सामने आया प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व

आजाद भारत के इतिहास की इस सबसे बड़ी आपदा में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए रखा, जिस सक्रियता से निर्णय लिए और जिस दूरदर्शितापूर्ण कार्यशैली का परिचय दिया उसने न केवल देश के हालातों को संभाला बल्कि आगे की राह दिखाते हुए निराश हो रही जनता में आशा का संचार भी किया।

मोदी 2.0 : चुनौतियों और उपलब्धियों से भरे दो साल

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो वर्षों का बड़ा हिस्सा कोरोना से जूझते हुए ही बीता है, लेकिन सरकार ने सूझबूझ और साहस के साथ महामारी से  उपजे संकट से निपटने के लिये कई सुधारात्मक कदम उठाये हैं, जिसमें राहत पैकेज भी शामिल है।

मोदी 2.0 : चुनौतियों को अवसर में तब्दील करने वाले दो वर्ष

मोदी ने सूझबूझ का परिचय देते हुए तीन महीने का सख्‍त लॉकडाउन लगाया एवं बाद में अनलॉक जैसे उपायों को ढील के साथ श्रृंखलाबद्ध रूप से लागू किया।

देश में स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने हेतु किए जा रहे हैं विशेष प्रयास

स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना अब आवश्यक हो गया है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कमर कस ली है।

कोरोना संकट में आमजन और अर्थव्यवस्था दोनों को राहत देने में जुटी है सरकार

कोरोना काल में एमएसएमई, मजदूरों और किसानों को सबसे ज्यादा राहत देने की जरुरत है। इसी को दृष्टिगत करके सरकार ने एमएसएमई, मजदूरों और किसानों के लिये कुछ उपाय किये हैं।