जम्मू कश्मीर

शांति और विकास की राह पर जम्मू-कश्मीर

जो जम्मू-कश्मीर पहले आतंकियों की हिंसा और मनमानी का गढ़ हुआ करता था, वहाँ अब शांति और विकास की संभावनाएं साकार हो रही हैं।

अनुच्छेद-370 हटने के चार सालों में विकास की मुख्यधारा का अंग बना जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद-370 को हटाया जाना केंद्र सरकार का एक बड़ा व ऐतिहासिक कदम था। उस ऐतिहासिक फैसले ने इस प्रदेश को मुख्यधारा से जोड़कर…

भारत में निवेश का एक नया केंद्र बनने की ओर बढ़ता जम्मू-कश्मीर

उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर भी देश के अन्य राज्यों के समानांतर आर्थिक विकास की पटरी पर दौड़ता दिखाई देगा।

अनुच्छेद-370 हटने के बाद बदलाव की राह पर बढ़ रहा जम्मू-कश्मीर

बदलाव यह भी हुआ है कि अब जम्मू-कश्मीर के सरकारी कार्यालयों पर तिरंगा लहराने लगा है। भारतीय पर्वों को भी उल्लास के साथ खुलकर मनाया जाने लगा है।

जम्मू-कश्मीर : डिजिटल इंडिया की कामयाबी का नतीजा है ‘दरबार मूव’ पर रोक

दस्‍तावेजों के डिजिटल होने से सबसे ज्‍यादा परेशानी कांग्रेसी सिस्‍टम में पले-बढ़े उन लोगों को हो रही है जिनकी रोजी-रोटी कागजी रिकॉडों के हेर-फेर से चलती थी।

अनुच्छेद-370 पर दिग्विजय सिंह का बयान कांग्रेस का वास्तविक चेहरा दिखाने वाला है

इस अनुच्‍छेद को कांग्रेस ने ही देश पर जबरिया थोपा था और जब भाजपा सरकार ने 2019 में इस वर्षों पुरानी गलती को दुरुस्‍त किया तो अब कांग्रेस तिलमिला रही है।

अनुच्छेद-370 हटने के बाद तेजी से बदल रहा जम्मू-कश्मीर, आतंकी घटनाओं में आई कमी

अनुच्छेद-370 हटने के बाद जो अनेक सकारात्मक संकेत हमें देखने को मिल रहे हैं, यही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को सुनिश्चित करेंगे।

कश्‍मीर की शांति बिगाड़ने के लिए सक्रिय हुआ गुपकार गिरोह, अमित शाह ने लिया आड़े हाथ

जम्मू-कश्‍मीर में हुई सुधारात्‍मक पहलों को अपनी निजी क्षति मानकर बैर पाल रहे नेता अब प्रदेश में दोबारा अराजकता लाना चाहते हैं। इसलिए ये गुपकार गठबंधन के रूप में सक्रिय हो रहे हैं।

जम्‍मू-कश्‍मीर में संगठित लूट पर रोक लगाने में कामयाब रही मोदी सरकार

मोदी सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि स्‍वायत्‍तता, स्‍वशासन व जिहाद का झुनझुना अब जम्मू-कश्मीर में किसी को नहीं भा रहा है।

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के वंचितों को मोदी सरकार से मिला न्याय

अब जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के अनुसूचित जातियों और जनजातियों को केन्द्रीय कानून के आधार पर आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जिससे उन्हें काफी राहत मिलने वाली है और उनके सशक्तिकरण में यह मील का पत्थर साबित होने वाला है।