अनुच्छेद-370 हटने के बाद तेजी से बदल रहा जम्मू-कश्मीर, आतंकी घटनाओं में आई कमी
अनुच्छेद-370 हटने के बाद जो अनेक सकारात्मक संकेत हमें देखने को मिल रहे हैं, यही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास को सुनिश्चित करेंगे।
कश्मीर की शांति बिगाड़ने के लिए सक्रिय हुआ गुपकार गिरोह, अमित शाह ने लिया आड़े हाथ
जम्मू-कश्मीर में हुई सुधारात्मक पहलों को अपनी निजी क्षति मानकर बैर पाल रहे नेता अब प्रदेश में दोबारा अराजकता लाना चाहते हैं। इसलिए ये गुपकार गठबंधन के रूप में सक्रिय हो रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर में संगठित लूट पर रोक लगाने में कामयाब रही मोदी सरकार
मोदी सरकार की कोशिशों का ही नतीजा है कि स्वायत्तता, स्वशासन व जिहाद का झुनझुना अब जम्मू-कश्मीर में किसी को नहीं भा रहा है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के वंचितों को मोदी सरकार से मिला न्याय
अब जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के अनुसूचित जातियों और जनजातियों को केन्द्रीय कानून के आधार पर आरक्षण का लाभ मिल सकेगा जिससे उन्हें काफी राहत मिलने वाली है और उनके सशक्तिकरण में यह मील का पत्थर साबित होने वाला है।
जम्मू-कश्मीर में लिखी जा रही परिवर्तन की पटकथा की महत्वपूर्ण कड़ी है नयी भाषा नीति
पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘जम्मू कश्मीर अधिकारिक भाषा बिल 2020’ को पारित करते हुए जम्मू-कश्मीर के लिए नयी भाषा नीति की घोषणा कर दी गयी।
जम्मू-कश्मीर में हिंदी, कश्मीरी और डोगरी को आधिकारिक भाषा बनाए जाने के निहितार्थ
सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय की वजह से ना सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों में समानता का भाव बढ़ेगा बल्कि हिंदी के आधिकारिक भाषा बनने से देश के अन्य नागरिकों के साथ उपजे भेदभाव को भी मिटाने में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर में बह रही बदलाव की बयार
अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्थितियों से लेकर वहाँ के शासन-प्रशासन और उनकी दैनिक कार्यशैली में बड़े बदलाव आए हैं।
जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद-370 की समाप्ति से टूटी आतंकवाद की कमर, पनप रही विकास की नयी संभावनाएं
370 में हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद में 36% की कमी आई है। गत वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच 188 आतंकी गतिविधियाँ दर्ज की गई जबकि इसी अवधि में इस वर्ष 120 आतंकी गतिविधियाँ दर्ज की गई।
अनुच्छेद-370 हटने के बाद बदल रही जम्मू-कश्मीर की तस्वीर
यह कहना गलत नहीं होगा कि इस एक साल में कश्मीर की छवि इसकी पूर्ववर्ती छवि से विपरीत बनती जा रही है। जो क्षेत्र विध्वंस, पिछड़ेपन का पर्याय बन गया था, वह अब प्रगति के सोपान चढ़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर का शेष भारत से सही अर्थों में एकीकरण करने में कामयाब रही मोदी सरकार
अनुच्छेद-370 खत्म होने के एक लगभग एक साल पूरे होने पर आज हम देख सकते हैं कि सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से न केवल आतंकवाद-अलगाववाद में कमी आई है, बल्कि आम जनता को राहत मिली है।