प्रधानमंत्री मोदी

राम मंदिर : भूमि-पूजन पर विपक्ष का बेमतलब बवाल

राजनीति तोड़ती है, जबकि संस्कृति जोड़ती है। इसमें  किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि राम मंदिर राजनीतिक नहीं, अपितु एक सांस्कृतिक मुद्दा है।

कोरोना काल में तो कम से कम अपनी नफरत की राजनीति छोड़ें ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है, जिसने कोरोना काल में अपनी राजनीति को सर्वोपरि रखा और जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया।

भारत-चीन प्रकरण: विदेश नीति के मामले में तो अपनी अपरिपक्व बयानबाजी से बाज आएं राहुल गांधी

घरेलू राजनीति में अपरिक्‍वता का परिचय देने वाले राहुल गांधी जिस तरह विदेशी मामलों में राजनीतिक लाभ के लिए गलतबयानी कर रहे हैं, वह देश के लिए घातक है।

नीति आयोग की बैठक में योगी के सार्थक प्रस्ताव

नीति  आयोग के माध्यम से राज्यों के बीच विकास की स्वस्थ प्रतिद्वंदिता प्रारंभ करने की कल्पना की गई थी। योगी ने इसे चरितार्थ किया। उन्हीं की तरह अनेक मुख्यमंत्री भी इस दिशा में बेहतर कार्य करने में सफल रहे। वहीं जिनको विकास की अपेक्षा वोटबैंक की सियासत ज्यादा पसंद थी, वह उसी में उलझे रहे।

59 मिनट लोन योजना: छोटे उद्यमियों को मजबूती देने की दिशा में सरकार की बड़ी पहल

किसी भी उद्योग को स्‍थापित करने, संचालित करने के लिए विशाल पूंजी की आवश्‍यक्‍ता होती है। यह पूंजी जुटाने के लिए कारोबारी हमेशा जद्दोजहद में रहते हैं। सक्षम निवेशक तो यह पूँजी जुटा लेते हैं, लेकिन नए या साझेदारी में निवेश करने वालों के सामने कर्ज लेने का ही विकल्‍प होता है जिसकी प्रक्रियात्मक जटिलताएं उद्यमियों को हतोत्साहित कर देती हैं।

प्यू सर्वे : अब तक के शासन में लगातार बढ़ी है मोदी की लोकप्रियता !

अमेरिकी थिंक टैंक ‘प्यू’ (PEW) ग्लोबल रिसर्च ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में भारत में स्थापित भाजपा-शासित केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कुछ नए और दिलचस्प आँकड़े सामने रखे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 85 प्रतिशत भारतीयों को अपनी सरकार पर पूरा भरोसा है और 79 प्रतिशत भारतीय वर्तमान समय मे भारतीय लोकतंत्र से संतुष्ट हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 के बाद यानी कि मोदी सरकार के केंद्र

हाइफा युद्ध : भारतीय योद्धाओं के बलिदान ने लिखी इजरायल की आजादी की इबारत

पराजय का इतिहास लिखने वाले इतिहासकारों ने बड़ी सफाई से भारतीय योद्धाओं की अकल्पनीय विजयों को इतिहास के पन्नों पर दर्ज नहीं होने दिया। शारीरिक तौर पर मरने के बाद जी उठने वाले देश इजरायल की आजादी के संघर्ष को जब हम देखेंगे, तब हम पाएंगे कि यहूदियों को ‘ईश्वर के प्यारे राष्ट्र’ का पहला हिस्सा भारतीय योद्धाओं ने जीतकर दिया था। वर्ष 1918 में हाइफा के युद्ध में भारत के अनेक योद्धाओं ने अपने

योग को वैश्विक पहचान दिलाने वाले प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में भी योग का विशेष स्थान है !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर ही दुनिया के करीब 175 देश योग की राह पर चल पड़े हैं। दरअसल मोदी का विरोध करने वाले लोगों को लगता है कि योग का मतलब है, अलग-अलग तरह के फीजिकल पोश्चर बनाना है और इसी तरह का दुष्प्रचार वह अंतराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर कर रह है। किन्तु, असल में योग का मतलब शरीर और मन को एक निश्चित और संतुलित क्रम में प्रस्थापित करना है। शरीर, दिमाग, आत्मा और

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कैसे रहे मोदी सरकार के तीन साल ?

इसमें दो राय नहीं है कि बीते तीन सालों में मोदी सरकार ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि आर्थिक क्षेत्र से संबंधित है। मोगर्न स्टेनले के ताजा शोध के मुताबिक अनुकूल विदेशी मांग, कंपनियों के बेहतर नतीजे और निजी क्षेत्र में पूंजी व्यय में होती बढ़ोतरी से देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर दिसंबर 2017 तक बढ़कर 7.9 प्रतिशत के स्तर तक पहुँच सकती है, जिसके कारक बाह्य मांग

प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन और अमित शाह की रणनीति के आगे चारों खाने चित होते विरोधी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यों ही नहीं आज के दौर के सबसे बड़े नेता हैं। पहले लोकसभा चुनावों में भाजपा को बंपर बहुमत दिलाकर और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद पूर्वोत्तर के मणिपुर, समुद्री राज्य गोवा, पहाड़ी उत्तराखंड और गंगा-यमुना के विशाल मैदान उत्तर प्रदेश को जिस ढंग से उन्होंने भगवा झंडे के नीचे समेटा वह उन्हें देश के सार्वकालिक जन नायकों में शुमार करने के लिए काफी