बलूचिस्तान

मोदी सरकार में संशयमुक्त हो राष्ट्रीय हितों का प्रभावी साधन बनी भारतीय विदेश नीति

भारतीय विदेश नीति में यह पहला ऐसा दौर है जब वैश्विक संगठनों, वैश्विक मंचों और बहुराष्ट्रीय घटनाक्रमों में भारत मूकदर्शक नहीं, इनका सक्रिय भागीदार है।

पाकिस्तान से अलग होने को बेचैन बलूचिस्तान !

पाकिस्तान के बलूचिस्तान सूबे में पंजाबियों के कत्लेआम से पाकिस्तान सरकार हिल गई है। बीते दिनों वहां पर चार पंजाबियों की नृशंस हत्या की गई। बलूचिस्तचान में नौकरी या बिजनेस करने वाले पंजाबियों को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी चुन-चुनकर मारने का कोई भी अवसर नहीं गंवाती। बलूचिस्तान को पाकिस्तान का क्षेत्रफल के लिहाज सबसे बड़ा सूबा माना जाता है। वहां पर गैस के अकूत भंडार हैं। पर, ये पाकिस्तान का

फिर टूटने की कगार पर पाकिस्तान !

अगर आप पाकिस्तानी मीडिया को फोलो कर रहे हैं, तो आपने देखा होगा कि वहां पर पंजाबी बनाम शेष वाली स्थिति पैदा हो चुकी है। बलूचिस्तान और सिंध सूबों की जनता में देश के सबसे बड़े सूबे यानी पंजाब के प्रति नफरत का भाव है। कुछ समय पहले बलूचिस्तान में हुई दो अलग-अलग घटनाओं में 16 पंजाबी मूल के लोगों को गोलियों से मार डाला गया।

भारत जैसे कहेगा हम चलेंगे, हमारी आवाम आपके साथ है : मज़दक दिलशाद बलूच

मजदक दिलशाद बलूच, बलूच आन्दोलन से जुड़े हुए बलूच नेता हैं एवम् वर्तमान में कनाडा मे निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बचपन में ही पाकिस्तान के अत्यचार के कारण इनका परिवार बलूचिस्तान छोड़ने को मजबूर हो गया था। आपकी माता नीला क़ादिरि बलुच “विश्व बलूच वुमन फ़ोरम्” की अध्यक्षा हैं एवम् आपके पिता मीर

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, जबकि बलूचिस्तान को पाकिस्तान ने जबरन कब्जा रखा है : मज़दक दिलशाद बलूच

मजदक दिलशाद बलूच, बलूच आन्दोलन से जुड़े हुए बलूच नेता हैं एवम् वर्तमान में कनाडा मे निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। बचपन में ही पाकिस्तान के अत्यचार के कारण इनका परिवार बलूचिस्तान छोड़ने को मजबूर हो गया था। आपकी माता नीला क़ादिरि बलुच “विश्व बलूच वुमन फ़ोरम्” की अध्यक्षा हैं एवम् आपके पिता मीर

अब होगा पाक पर भारत की बलूचिस्तान नीति का असली वार!

प्रधानमंत्री मोदी और उनके मंत्रियों द्वारा जबसे बलूचिस्तान में की जा रही हैवानियत को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेने की शुरुआत की गई है, तबसे पाकिस्तान हर तरह से एकदम बैकफुट पर नज़र आ रहा है। इसके अलावा उसके द्वारा कब्जाए गए कश्मीर का मुद्दा भी भारत अब पूरे दमखम के साथ उठा रहा है, इस बात ने पाकिस्तान को अलग हलकान किया हुआ है। चीन, अमेरिका जैसे उसके वैश्विक साझीदार

नेहरु की गलती के कारण बलूचिस्तान पर हुआ था पाकिस्तान का कब्ज़ा!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक तथा स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण मे बलूचिस्तान मे हो रहे मानवाधिकार के उल्लघंन की चर्चा की तो दुनिया भर से बलोच नागरिकों ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। इस घटना के बाद आल इंडिया रेडियो ने भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दृष्टि से बलोच भाषा में जम्मू-काश्मीर से प्रसारण शुरू करने की घोषणा की। इस कदम को भी बलोचियों ने काफी सराहा, लेकिन भारत मे

मोदी विरोध से ग्रस्त विपक्ष को नहीं भा रही बलूचिस्तान नीति की कामयाबी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के साथ ही….

मोदी सरकार का आक्रामक रुख, पाकिस्तान हुआ पस्त और चीन भी हलकान!

मोदी सरकार पर सत्ता में आने के कुछ समय बाद से ही विपक्षियों द्वारा यह आरोप लगाया जाता रहा है कि इस सरकार की पाकिस्तान और चीन को लेकर कोई विदेशनीति नहीं है। हालाकि ज्यादातर ये आरोप लगाने वाली मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस शायद ये भूल जाती है कि जब वो खुद सत्ता में थी, तब देश ने पाक और चीन के प्रति उसकी भी विदेशनीति खूब देखी थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को फटकारा और सांप देश के सेकुलरों के सीने पर लोट रहा है!

विगत दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने सर्वदलीय बैठक और उसके बाद लाल किले के…