मोदी सरकार

कोरोना संकट : ममता की नफरत की राजनीति में पिसता बंगाल

ममता ने केंद्र के प्रति अपनी नफरत की राजनीति को ऐसे संवेदनशील दौर में भी भुनाना जारी रखा है और इसका सबसे अधिक नुकसान बंगाल की जनता का ही हो रहा है।

आधुनिक कृषि बाजार के विकास की दिशा में प्रयासरत है मोदी सरकार

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने एक बार कहा था कि “सब कुछ इंतजार कर सकता है, लेकिन खेती नहीं”। दुर्भाग्‍यवश खेती की दुर्दशा उन्‍हीं के कार्यकाल में शुरू हो गई लेकिन उसकी मूल वजहों की ओर ध्‍यान नहीं दिया गया। इसके बाद हरित क्रांति, श्‍वेत क्रांति, पीली क्रांति जैसे फुटकल उपाय किए गए।

नौकरशाही की तस्‍वीर बदलने से बढ़ रही देश की क्षमता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को दुनिया की महाशक्‍ति बनाने की दूरदर्शी योजना पर काम कर रहे हैं। मोदी सरकार के पिछले छह वर्षों के कार्यकाल में कई बार यह प्रमाणित हो गया कि जब भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है। एक दौर वह था जब भारत अंतरराष्‍ट्रीय कूटनीतिक मामलों में अपना स्‍वतंत्र रूख न अपनाकर विश्‍व की महाशक्‍तियों के भरोसे रहता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र

कोरोना संकट की रोकथाम के लिए सभी मोर्चों पर तत्परतापूर्वक कदम उठा रही सरकार

पूरे विश्‍व में कोरोना संक्रमण के मामले लगातर बढ़ रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि चिकित्‍सा सुविधाओं के मामले में दुनिया भर में मानक स्‍थापित करने वाले इटली, स्‍पेन, अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों पर कोरोना कहर बरपा रहा है। दरअसल ये देश कोरोना संक्रमण के दूसरे व तीसरे चरण की भयावहता का अनुमान लगाने में विफल रहे। गौरतलब है कि जिन

कोरोना राहत पैकेज : लॉकडाउन में गरीबों और अर्थव्यवस्था के हितों को सुरक्षित रखने की पहल

कोरोना वायरस मानव अस्तित्व के लिये आज एक बड़ा खतरा बन गया है, जिससे बचने के उपाय फिलहाल बहुत ही कम दिख रहे हैं। सुधारात्मक उपायों को देर से अमलीजामा पहनाने वाले देशों को धीरे-धीरे यह अपनी चपेट में ले रहा है। सुधारात्मक उपाय नहीं करने पर इसका प्रकोप क्रमिक रूप से आगे बढ़ता है। पहले चरण में यह लोगों को गंभीर नहीं लगता है, लेकिन दूसरे चरण

योगी सरकार ने पेश किया प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट, युवाओं-गरीबों पर विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने समग्र विकास पर फोकस किया था। इसके अनुरूप उन्होंने माहौल का निर्माण किया, प्रशासनिक मशीनरी को इस दिशा में सक्रिय किया। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश को इन तीन वर्षों में रिकार्ड निवेश प्रस्ताव मिले, इतना ही नहीं निवेश पर शिलान्यास का भी रिकार्ड कायम हो गया। तीन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य जारी

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभुत्व का होगा अगला दशक

21वीं सदी के तीसरे दशक में समाहित, वर्ष 2022 में भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। आज देश के अंदर ही नहीं बल्कि देश के बाहर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कई वर्गों, अर्थशास्त्रियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में यह धारणा प्रबल होती जा रही है कि न केवल अगला दशक बल्कि अगली सदी भी भारत के प्रभुत्व वाली होने की प्रबल सम्भावना बनती जा रही है। इसकी

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को संसद के पटल पर बजट-2020-21 प्रस्तुत किया। इस बजट में समाज के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुँचने की नीतिगत मंशा दिखाई देती है। यूँ तो यह बजट सबके लिए कुछ न कुछ लेकर आया है, फिर भी इसे मुख्यतः किसान केन्द्रित कहा जा सकता है।

डिफेंस एक्सपो 2020 : भारत को रक्षा उपकरणों का ‘मैन्युफैक्चरिंग हब’ बनाने की पहल

सामरिक क्षेत्र में भारत की भागीदरी पिछले करीब पांच-छः वर्षों में बढ़ी है। अब कोई भी देश भारत को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है। भले भारत अभी संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मसलों पर उंसकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती है। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।

प्रक्रिया में बदलाव से सुपात्र नागरिकों तक पहुँच रहे पद्म सम्मान

वर्ष 2014 के बाद से बीते तीन-चार वर्षों में पद्म सम्मानों के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व और सकारात्मक परिवर्तन नजर आया है। इस दौरान ऐसे नामों की घोषणा देखने को मिली है, जो बिना किसी संपत्ति या सम्मान की लालसा के लम्बे समय से अपने-अपने क्षेत्र में उत्तम कार्य कर रहे।