अमेरिका

अमेरिका में सनातन संस्कृति की गूँज

अमेरिका में हर वर्ष हजारों लोग हिंदू संस्कृति को अपना रहे हैं। अमेरिकी लोग हिंदू संस्कृति को एक धर्म मानने के अलावा एक बेहतरीन जीवन शैली के रूप में भी देख रहे हैं।

मोदी सरकार की नीतियों से बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत

भरपूर सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2030 के पूर्व भारत अमेरिका एवं चीन के बाद विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर

भारतीय सनातन संस्कृति का पालन करते हुए भारत के आर्थिक विकास को देखकर अब विकसित देश भी भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं..

विश्व पटल पर छा रही भारतीय संस्कृति

भारत की अध्यक्षता में आज जी-20 के माध्यम से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का भारतीय दर्शन विश्व को ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की राह दिखा रहा है।

रक्षा क्षेत्र के समझौतों के लिहाज से बेहद फलदायी रही प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा

अमेरिका से जो रक्षा और उनकी तकनीक हस्तांतरण के समझौते हुए हैं वे भारत की भू-सामरिक ताकत तो बढ़ाएंगे ही, स्वदेशी लड़ाकू विमान और ड्रोन निर्माण का रास्ता भी खोल देंगे।

स्वामी विवेकानंद का विश्व बंधुत्व का संदेश

जब स्वामी विवेकानंद स्वागत का उत्तर देने के लिए खड़े होते हैं और “अमेरिकावासी बहनों तथा भाइयों” से अपना वक्तव्य शुरू करते हैं और सामने बैठे विश्वभर से आये हुए लगभग 7 हज़ार लोग दो मिनट से ज्यादा समय तक तालियाँ बजाते रहते हैं।

अमेरिका के साथ हुए समझौतों से देश के विकास की रफ्तार और रोजगार के अवसरों में होगी वृद्धि

अमेरिका की विभिन्न कम्पनियों द्वार भारत में किये जाने वाले भारी-भरकम राशियों के निवेश से भारत में विनिर्माण क्षेत्र में विकास दर को बल मिलना निश्चित है।

क्वाड के तेवर से सहमा चीन

क्वाड का उद्देश्य प्रशांत महासागर, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया  में विस्तृत नेटवर्क के जरिए जापान और भारत के साथ मिलकर इस क्षेत्र में एक ऐसा वातावरण निर्मित करना है..

वैश्विक मंदी के माहौल में एयर इंडिया विमान सौदा भारत की बदलती आर्थिक तस्वीर की ही कहानी कहता है!

अमेरिका के साथ एयर इंडिया ने फ़्रान्स की एयरबस कम्पनी से भी 250 विमान खरीदने की घोषणा की है। इनमें से 40 बड़े आकार के ए350 और 210 छोटे आकार के विमान होंगे।

अर्थव्यवस्था में ऊर्जा भरते प्रवासी भारतीय

तथ्यों पर गौर करें तो आज की तारीख में प्रवासी भारतीय जितना धन भेज रहे हैं, वह भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लगभग बराबर है।