अराजक

राजनीतिक मूल्यों और विचारों से हीन है आप, पतन तो होना ही है!

आम आदमी पार्टी (आप) गत फ़रवरी में जब सत्ता में आई तबसे अबतक वो अपने कामों के लिए कम कारनामों के लिए अधिक चर्चा में रही है। राजनीतिक शुचिता, पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा की बड़ी-बड़ी कसमें खाकर सत्ता में आने वाली आप ने सत्ता का रसपान करते ही कैसे इन कसमों को तिलांजलि दे दी, उसकी गवाही उसके शासन का ये लगभग डेढ़ साल का समय देता हैं।