उद्योग

विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय स्टॉक बाजार में बढ़ रहा है निवेश

भारत की अर्थव्यवस्था में आज लगभग किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, जिसके चलते भारत का स्टॉक बाजार नित नई ऊंचाईयां हासिल करता दिखाई दे रहा है।

यूपी : आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में कारगर सिद्ध होती ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना

‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना का ही परिणाम है कि यूपी का जो निर्यात 2018 से पूर्व 88000 करोड़ रुपए का था वह 2021-22 में बढ़कर 1.57 लाख करोड़ रुपए का हो गया है।

दस प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास दर प्राप्त करने की ओर बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था

अर्थव्यस्था के लगभग सभी क्षेत्रों (व्यक्तिगत ऋण, सेवा, उद्योग एवं कृषि क्षेत्र) में ऋण प्रदान करने की गतिविधि में महत्वपूर्ण तेजी दृष्टिगोचर हुई है।

कोरोना संकट से उबरते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगाई ऊंची छलांग

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की वसूली में तो लगातार वृद्धि देखने में आ रही है एवं यह अब प्रति माह एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के स्तर पर पहुंच गई है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की बेहतरी को दर्शाते हैं ये आंकड़े

अर्थव्यस्व्था के सभी मानकों में बेहतरी आ रही है और भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के कारण गहराई मंदी से से तेजी से बाहर निकल रही है।

दहाई आंकड़े की विकास दर एवं 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता भारत

भारत में लगभग 60 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती है अतः भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे आने वाले समय में ग्रामीण एवं छोटे शहरों का दबदबा बना रहने वाला है।

नए श्रम कानूनों के लागू होने से देश के आर्थिक विकास को लगेंगे पंख

उक्त श्रम क़ानूनों के लागू होने एवं इसके सही तरीक़े से सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के बाद स्वस्थ, सुखी एवं संतुष्ट श्रमिक के सपने को भी साकार किया जा सकेगा

कोरोना संकट से उबरकर तेजी से पटरी पर लौटती भारतीय अर्थव्यवस्था

कई अंतरराष्ट्रीय वित्त संस्थान भारत के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2021-22 में 9 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि की सम्भावनाएँ व्यक्त कर रहे हैं।

मोदी सरकार के ठोस उपायों से बढ़ रहा है उद्यमशीलता का दायरा

1991 में शुरू हुई नई आर्थिक नीतियों की प्रक्रिया गठबंधन सरकारों के दौर में आकर ठहर गई। यही कारण था कि उदारीकरण का रथ महानगरों और राजमार्गों से आगे नहीं बढ़ पाया। इसका नतीजा यह हुआ कि खेती-किसानी घाटे का सौदा बन गई और गांवों से शहरों की ओर पलायन बढ़ा। उद्यमशीलता के महानगरों तक सिमट जाने के कारण देश भर में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी।