कारोबारी सुगमता

मोदी सरकार लाने जा रही कारोबारी सुगमता के लिए नयी नीति, बढ़ेगी विकास की रफ़्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि भारत आसानी से कारोबार करने वाले देशों की विश्व रैंकिंग में शीर्ष 50 में जल्द से जल्द शामिल हो। कारोबारी नियमों को सरल बनाने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में भी और तेजी आने का अनुमान है और दूसरे देशों के साथ कारोबारी संबंध बनने से वैश्विक स्तर पर भी भारत की साख में इ

अच्छे दिन : ‘भारत में संपत्ति का लोकतांत्रिकरण हो रहा है’

सितंबर तिमाही के लिये जीडीपी आंकड़े कुछ दिनों के बाद जारी किये जाने वाले हैं, लेकिन इससे पहले अर्थशास्त्री एवं देश व विदेश के वित्तीय संस्थान जीडीपी के आंकड़ों के गुलाबी होने का अनुमान लगा रहे हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.2% से 7.9% के बीच रह सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 7.4% की दर से विकास

कारोबारी सुगमता को और बढ़ाने की कोशिशों में जुटी मोदी सरकार !

केंद्र सरकार ने देश में निवेश को प्रोत्साहन देने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए तरह तरह के सुधार किये हैं, जिसे तकनीकी भाषा में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस कहते हैं। सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। इस साल भारत 50वें स्थान को पाना चाहता है, लेकिन इसमें सुधार करने के लिये लगभग ढाई

मोदी सरकार के सुधारों का दिखने लगा असर, कारोबारी सुगमता की रैंकिंग में भारत की बड़ी छलांग!

विश्व बैंक की ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2018 में भारत कारोबारी सुगमता के लिहाज से 30 स्थान की लंबी छलांग लगाते हुए 190 देशों की सूची में 100 वें पायदान पर पहुँच गया। 30 अंकों की भारत की बड़ी छलांग इंगित करता है कि वर्तमान सरकार के सुधारात्मक उपायों के फल मिलने शुरू हो गये हैं। कारोबार के 10 में से 6 मापदंडों में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया है।