खादी

बदलावों का वाहक बनता ‘मन की बात’ कार्यक्रम

मन की बात अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके, इसके लिए इसका अनुवाद अंग्रेजी को छोड़कर 22 भाषाओं, 29 बोलियों और 11 विदेशी भाषाओं में किया जाता है।

ग्रामीण उद्योगों के विकास से ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने की कवायद

केंद्र सरकार खादी और ग्रामीण उद्योग के विकास के लिये योजना बना रही है, जिसकी मदद से आगामी 5 सालों में ग्रामीण उद्योगों के टर्नओवर को बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रूपये किया जा सकेगा। फिलहाल, ग्रामीण उद्योगों का टर्नओवर 75 हजार करोड़ रुपए है। 

मोदी राज में बढ़ रही गांधी के खादी की लोकप्रियता

महात्मा गांधी ने कुटीर उद्योग के माध्यम से देश की आर्थिक समृद्धि का जो सपना देखा था, उसे पूरा करने के लिये केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीनस्थ खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग एवं अन्य माध्यमों से लगातार प्रयास कर रहा है। आयोग गर्मियों के लिए सिली-सिलाई कुर्तियां, कमीजें, सलवार-कमीज, कुर्ता-पायजामा, साड़ियाँ तथा सर्दियों के लिए

मोदी सरकार की कोशिशों से सुधर रही खादी उद्योग की दशा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर खादी फॉर नेशन, खादी फॉर फैशन का आह्वान करते रहते हैं। उनके मुताबिक यदि लोग अपने बजट का 5 फीसदी खादी पर खर्च करें तो हैंडलूम सेक्‍टर की बेरोजगारी दूर हो जाएगी। गौरतलब है कि 1920 के दशक में राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने गरीबी मिटाने और स्‍वावलंबन के लिए जिस चरखा-खादी की शुरूआत किया था वह जल्‍दी ही स्‍वाधीनता आंदोलन का सशक्‍त हथियार बन