गाय

गाय के ‘अर्थशास्त्र’ को समझने की जरूरत

भारतीय संदर्भ में देखें तो गाय को लेकर जितना विवाद होता है उतना शायद ही किसी पशु को लेकर होता हो। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि गाय के संरक्षण-संवर्द्धन को लेकर जो प्रावधान किए जाते हैं, उन्‍हें देश के तथाकथित सेकुलर खेमे द्वारा धार्मिक और वोट बैंक के नजरिए से देखा जाने लगता है। इस विवाद का सबसे दुखद पहलू यह है कि हम गाय के आर्थिक महत्‍व को भुला देते हैं। जिस दिन हम गाय के अर्थशास्‍त्र को

डेयरी क्षेत्र के विकास से यूपी के किसानों को मजबूती देने में जुटी योगी सरकार

योगी सरकार की ओर से किसानों को चार-पांच दुधारू मवेशी खरीदने के लिए सब्‍सिडी देने का फैसला किया गया है। सरकार जानती है कि दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता में ढाई गुना की बढ़ोत्‍तरी आसान नहीं है। इसीलिए वह गुजरात की भांति चारागाह विकास, दूध की खरीद-बिक्री, भंडारण, प्रशीतन, प्रसंस्‍करण, पैकेजिंग संबंधी बुनियादी ढांचा भी बना रही है। इन कोशिशों के कामयाब होते ही डेयरी

गौ-संरक्षण की दिशा में गुजरात सरकार का अनुकरणीय प्रयास

भारतीय संस्कृति में गाय का बड़ा महत्व है। गाय के साथ इस देश का संबंध मात्र भावनात्मक नहीं है, वरन भारतीय समाज के पोषण में गौवंश का प्रमुख स्थान रहा है। भारत में गाय धार्मिक और आर्थिक, दोनों की बराबर प्रतीक है। यही कारण है कि प्राचीन समय में गौ-धन से सम्पन्नता देखी जाती थी। गाय के प्रति सब में बराबर सम्मान और श्रद्धा थी। फिर चाहे वह भारत में आक्रांता के रूप में आए समूह हों या फिर शरण लेने

जीवन के हर क्षेत्र में सारथी की भूमिका निभाते हैं कृष्ण के विचार!

कृष्ण का जीवन जितना रोचक है, उतना ही मानवीय और मर्यादित भी। इसीलिए आम इंसान को बहुत कुछ सिखाता-समझाता है। नंदगांव के कन्हैया से लेकर अर्जुन के पार्थ तक उनका चरित्र जीवन जीने के अर्थपूर्ण संदेश संजोये हुए है, जो हर तरह से मानव कल्याण और जन सरोकार के भाव लिए हैं।

एक गौभक्त दलित की हत्या को कैसे खा गये सेक्युलर, पचा गयी थी मीडिया!

विश्व हिन्दू परिषद की एक स्टीरियोटाइप की छवि मीडिया ने बनाई है। जिसमें इस संगठन से जुड़े व्यक्ति के हाथ में तलवार होना अनिवार्य है। मीडिया द्वारा इनका चित्र ऐसा उकेरा गया है कि सिर पर भगवा कपड़ा बांधे, हाथ में भगवा ध्वज लिए जो युवक खड़ा होगा जिसके दूसरे हाथ में तलवार हो, वो विश्व हिन्दू परिषद का ही होगा। उसके बाद ही वह मीडिया में विश्व हिन्दू परिषद का कार्यकर्ता माना जाएगा। एक बात और उसके सिर पर तिलक होना भी जरूरी है।