जजिया कर

‘क्या औरंगजेब और कुतुबुद्दीन ऐबक को अपना आदर्श मानकर चल रहे हैं इमरान खान?’

आने वाले 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का द्वार सिख श्रद्धालुओं के लिए खोला जा रहा है। आज़ादी के बाद से पहली बार सिख अपने गुरु नानक के उस स्थान का दर्शन दीदार कर सकेंगे, जहाँ सिखों के दसवें गुरु ने अपने आखिरी पंद्रह वर्ष बिताये थे। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व को लेकर कोई संशय कतई नहीं है।