जयंती

जयंती विशेष : अमृत काल में प्रेरणास्त्रोत के रूप में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता

1887 में एक परिव्राजक संन्यासी के रूप में जब स्वामी विवेकानंद भारत भ्रमण पर निकले तो उन्होंने आने वाले पांच वर्षों  तक भारत को बहुत निकटता से देखा। उनको यह स्पष्ट आभास हुआ

जयंती विशेष : दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की प्रासंगिकता

दीनदयाल उपाध्याय राजनेता के साथ-साथ उच्च कोटि के चिंतक, विचारक और लेखक भी थे। इस रूप में उन्होंने श्रेष्ठ, शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। उन्होंने निजी हित व सुख सुविधाओं का त्याग कर अपना जीवन समाज और राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। यही बात उन्हें महान बनाती है

जयंती विशेष : युवाओं में आत्मविश्वास जगाने वाले स्वामी विवेकानंद

अब समय आगया है कि हर भारतीय स्वामी विवेकानंद के सपनों का आत्मनिर्भर भारत बनाने में अपना योगदान दे। लेकिन यह कार्य इतना आसान नहीं है।

जयंती विशेष : राष्ट्र के लिए सदैव प्रेरणादायी रहेगा सरदार पटेल का व्यक्तित्व

आज देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और आजाद भारत को एकता के सूत्र में बाँधने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144 वीं जयंती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में उनकी विशाल प्रतिमा ‘स्टेचू ऑफ़ यूनिटी’, जिसका अनावरण गत वर्ष ही हुआ था, पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। यहाँ मोदी ने जम्मू-कश्मीर की चर्चा करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने कहा था कि अगर ये मामला उनके हाथ में होता जल्दी सुलझ गया होता। साथ ही प्रधानमंत्री ने