जिहाद

अपनी हरकतों से अन्तर्राष्ट्रीय  मंच पर बेनकाब होता पाकिस्तान  

पाकिस्तान की संवैधानिक संस्थाओं ने जिस प्रकार एक आतंकी सरगना की मौत पर काला दिवस मनाया, उसके बाद उससे सकारात्मक सहयोग की आखिरी उम्मीद भी समाप्त हो गयी। पिछले दिनों भारतीय सैनिकों ने एक आतंकी सरगना को कश्मीर में मार गिराया था। इसके पहले पाकिस्तान विश्वमंच पर अपने को भी आतंकवाद से पीड़ित बताता रहा है। बात एक हद तक सही भी है। आतंकवाद उसके लिए अब भस्मासुर बन गया है। ऐसे में उससे यह उम्मीद थी कि वह आतंकी के खात्मे पर खामोश ही रह जाता। तब माना जाता कि वह भी पीड़ित है। लेकिन उसने अपने को खुद ही बेनकाब कर दिया।