नकली नोट

दो हजार के नोट को चलन से बाहर करना राष्ट्रहित में लिया गया एक महत्त्वपूर्ण निर्णय है

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर करने का निर्णय सही समय पर उठाया गया एक उचित कदम ही कहा जाएगा।

नोटबंदी के बाद काले धन पर फिर बड़ी कार्रवाई, ईडी ने की तीन सौ फर्जी कंपनियों पर छापेमारी

गत वर्ष नवम्बर में देश की अर्थव्यवस्था की जड़ों को खोखला करने वाले कालेधन के खिलाफ मोदी सरकार ने नोटबंदी जैसा बड़ा कदम उठाया ताकि देश में मौजूद कालेधन पर लगाम लगाईं जा सके। नोटबंदी के फैसले के बाद ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों और कारोबारियों की रूह कांप गई कि आखिरकार वो अपने हर एक रुपये का हिसाब कहां से और कैसे देगे। चंदे आदि का हिसाब देने से बचने के कारण कई

नोटबंदी की विफलता का बेसुरा राग

नोटबंदी को लेकर पिछले पचास दिनों में जमकर सियासत हुई । व्यर्थ के विवाद उठाने की कोशिश की गई । केंद्र सरकार पर तरह-तरह के इल्जाम लगाए गए । केंद्र सरकार पर एक आरोप यह भी लग रहा है कि इस योजना से कालाधन को रोकने में कोई मदद नहीं मिलेगी क्योंकि उसका स्रोत नहीं सूखेगा । इस तरह का आरोप लगाने वाले लोग सामान्यीकरण के दोष के शिकार हो जा रहे हैं । अर्थशास्त्र का एक बहुत ही

अपने पचास दिनों में हर तरह से लाभकारी रही है नोटबंदी

नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके हैं। बीते 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन में पांच सौ और एक हजार के नोटों को चलन से बाहर करने का निर्णय सुनाया था। निश्चित रूप से यह फैसला देश में छुपे काले धन और नक़ली नोटों के कारोबार पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह था। अतः आम जनता द्वारा इसका खुलकर स्वागत किया गया और नोट बदलवाने के लिए कतारों की मुश्किल से दो-चार होने

नोटबंदी : आम जन कर रहे सरकार का समर्थन, काला धन धारकों में मचा हड़कंप

आठ नवंबर की शाम को प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी के ऐतिहासिक फैसले के ऐलान से देश भर में हलचल मच गयी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देश भर में 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध की घोषणा की तो काले धन की फसल उगाकर रखने वालो पर जैसे ओलों की बरसात हो गयी। जनता की खून-पसीनें की कमाई को अवैध और अनैतिक रूप से जमा करके बैठे ऐसे लोग अब मारे-मारे

नोटबंदी : काला धन और नकली नोटों के कारोबार पर जोरदार चोट

मोदी सरकार के एकाएक पांच सौ और एक हजार के नोट बंद करने के ऐतिहासिक फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा ​कर दी है। जहां एक ओर आम जनों द्वारा इसे काले धन पर अंकुश लगाने के लिए पीएम मोदी का की सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अधिकांश विपक्षी राजनीतिक दल सरकार के इस साहसिक फैसले पर राजनीति करते हुए नजर आ रहे हैं।

काला धन और नकली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का बड़ा कदम

मोदी सरकार द्वारा पांच सौ और हजार के नोट बंद करना काले धन और जाली नोटों पर लगाम लगाने की दिशा में सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम है। देश में बढ़ते हुए काले धन पर लगाम लगाने की दिशा में मोदी सरकार का यह कदम सराहनीय कहा जा सकता है। काले धन को रोकने के अपने चुनावी वायदे की धुन पर काम कर रही केन्द्र सरकार ने जिस तरीके से हजार और पांच सौ के नोट को तत्काल प्रभाव से बन्द