नेतन्याहू

इजरायल के चुनाव में भी चर्चित और कामयाब रहा ‘चौकीदार’ अभियान

यह संयोग था कि इजरायल के आम चुनाव में भी चौकीदार पर खूब चर्चा हुई। इतना ही नहीं, यह मुद्दा कारगर भी हुआ। इसे उठाने वाले नेतन्याहू की सत्ता में वापसी सुनिश्चित हो गयी है। सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी ने प्रधानमंत्री वेन्जामीन नेतन्याहू को ‘मिस्टर सिक्यूरिटी’ यानी चौकीदार के रूप में पेश किया था। देखते ही देखते यह चुनाव का सर्वाधिक चर्चित मुद्दा बन गया।  विपक्षी

कूटनीतिक दृष्टि से नैसर्गिक साझीदार हैं भारत और इजरायल

14 जनवरी को भारत दौरे पर आये इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़कर दिल्‍ली एयरपोर्ट पर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। दरअसल इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू का यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इजरायल की यात्रा करने के महज छह महीने बाद हुआ है एवं इससे दोनों देशों के बीच 25 साल के कूटनीतिक संबंध को मजबूती मिली है।

नेतन्याहू भारत आए तो वामपंथियों के सीने पर सांप क्यों लोटने लगा !

विदेश नीति का मुख्य तत्व राष्ट्रीय हित होता है। अन्य तत्वों में बदलाव हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय हित की कभी अवहेलना नहीं होनी चाहिए। इजरायल के साथ भारत की दोस्ती राष्ट्रीय हित के अनुरूप है। ऐसे में, यह अनुचित है कि भारत के कुछ विपक्षी राजनीतिक दलों और नेताओं ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की यात्रा का विरोध किया या उनसे मिलने के तरीके पर हल्की टिप्पणी की। ऐसा करने वाले नेताओं को

भारत-इजरायल संबंधों में मजबूत स्थिति में भारत ही रहेगा !

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच नौ क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति कायम हुई है। कई अनुबंधों पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। इन नौ क्षेत्रों में कृषि, तेल और गैस; सुरक्षा और साइबर तकनीक; पेट्रोलियम, फिल्म निर्माण, उड्डयन, नवीन ऊर्जा, अन्तरिक्ष और पारंपरिक चिकित्सा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा आतंकवाद के मोर्चे पर भी दोनों देश पीड़ित हैं। इजरायल जहां