पुस्तक

‘इंटरनेट से केवल सूचनाएं मिल सकती हैं, ज्ञान पुस्तकों से मिलता है’

गूगल व इंटरनेट के दौर में डिजिटल तकनीक का बोलबाला भले ही हो, किंतु पुस्तकों की उपयोगिता आज भी कम नहीं हुई है। पुस्तकों के प्रति पाठकों का रूझान बरकरार है। गंभीर पाठकों की मौजूदगी लगातार बनी हुई है। समय के साथ पुस्तकों में रूचि और उनके खरीददारों की संख्या में अंतर आया है, किंतु पाठकों के उत्साह में नहीं। इसकी बानगी 28 अगस्त से 5 सितम्बर तक शिक्षा नगरी देहरादून में आयोजित नौ

‘मन की बात’ कार्यक्रम पर आधारित एक उपयोगी पुस्तक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार सँभालने के बाद से ही जनमानस से जुड़ाव की कई सकारात्मक कोशिशें की हैं। मन की बात कार्यक्रम में आमजन से संवाद करना, ऐसा ही एक प्रभावी कदम रहा। प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम न केवल लोकप्रिय बना बल्कि आमजन को जागरूक करने में भी अहम् भूमिका निभाई। इस मासिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने वाकई मन की बात की जिसका सीधा प्रसारण रेडियो, दूरदर्शन और