भारतीय दर्शन

भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे आगे बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था

भारत में पिछले 9 वर्षों में भारतीय आर्थिक दर्शन के सहारे किए गए कई आर्थिक निर्णयों के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन अब तेज गति से पटरी पर दौड़ने लगा है।

भारतीय दर्शन को समझने के लिए आवश्यक है संस्कृत का ज्ञान

देश के उच्चतम न्यायालय ने संतोष कुमार बनाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय (याचिका सं. 299, 1989) वाद (संस्कृत सम्बन्धी) के निर्णय की शुरुआत में एक बहुत ही गहन व रोचक घटना का उदाहरण दिया। वह उदाहरण भारतीयता व संस्कृत के सम्बन्ध को समझने में सहायक है। केम्ब्रिज विश्वविद्यालय का एक प्रोफेसर अपने शान्त कक्ष में अपने अध्ययन में डूबा हुआ है: एक उत्तेजित अंग्रेज सिपाही उस अध्ययन कक्ष में