महारैली

महारैली : साबित हुआ कि विपक्षी दलों के पास मोदी विरोध के सिवा और कोई एजेंडा नहीं है!

कोलकाता की विपक्षी महारैली में कहने को लगभग बीस पार्टियों की भागीदारी हुई, लेकिन इनमें से किसी का भी पश्चिम बंगाल की राजनीति में महत्व नहीं है। रैली का पूरा इंतजाम ममता बनर्जी ने अपने लिए किया था। उन्होंने एक तीर से दो निशाने साधने के प्रयास किया। पहला तो वह अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार शुरू करना चाहती थीं। इसके लिए भीड़ जुटाई गई। दूसरा, वह

भ्रामक ‘तस्वीरों’ के जरिये भीड़ बढ़ाकर भाजपा को भगाने निकले हैं, लालू यादव !

27 अगस्त, 2017 को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगुआई में पटना के प्रसिद्ध गाँधी मैदान में “भाजपा भगाओ, देश बचाओ” रैली आयोजित की गई, जिसमें जदयू के बागी नेता शरद यादव, कांग्रेस, तृणमूल, समाजवादी पार्टी, भाकपा, राकांपा समेत कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए। रैली का मकसद था नीतीश कुमार और भाजपा पर निशाना साधना। लालू खेमे द्वारा इस रैली को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर और सफल बताया जा रहा