येदियुरप्पा

‘एजेंडा पहले ही नहीं था, अब संख्याबल भी नहीं रहा, फिर भी कुमारस्वामी से कुर्सी नहीं छूट रही’

कर्नाटक का सियासी घमासान राज्‍य के संचालन को कितना नुकसान पहुंचा रहा होगा, इस दिशा में कोई सोचने को तैयार नहीं है। हाथी निकल गया लेकिन पूंछ अटक गई है। पूरी कैबिनेट जा चुकी लेकिन कुमार स्‍वामी अभी भी बालहठ की तरह अपना पद पकड़े हुए हैं, मानो उनके सत्‍ता में बने रहने से रातोरात कोई चमत्‍कार हो जाएगा।