राफेल

संसद सदस्यता गँवाने से क्या कोई सबक लेंगे राहुल गांधी ?

एक पूरे वर्ग का अपमान करने की वजह से राहुल गांधी की सदस्यता गई है, इस विषय पर अब इतना शोर क्यूँ! वो कौन लोग हैं जो राहुल गांधी के समर्थन में खड़े होकर…

भाषाई मर्यादा से बेपरवाह विपक्ष

पहले भी राजनीति में पक्ष-विपक्ष के बीच आरोपों के दौर चलते थे, लेकिन भाषाई गरिमा का लोप नहीं होता था। नेता तंज़ करते थे, मगर किसीकी तौहीन नहीं की जाती थी।

राफेल के जरिये भारत-फ़्रांस का संयुक्त सामरिक संदेश

पिछले दिनों राफेल लड़ाकू विमान विधिवत भारतीय वायु सेना में शामिल किए गए। कोई अन्य अवसर होता तो शायद इसका सन्देश इतना व्यापक नहीं होता।

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राहुल ही नहीं, एक पूरे गिरोह के मुंह पर तमाचा है!

राहुल के साथ-साथ वामपंथी गिरोह के कुछ पत्रकारों और तथाकथित बुद्धिजीवियों ने भी राहुल द्वारा झूठ की बुनियाद पर उठाए गए इस मामले में तरह-तरह के दुष्प्रचारों को हवा देने का काम किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब एकबार पुनः उन सभी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने राफेल को लेकर राहुल गांधी को डांट पिलाई थी

राफेल के शस्त्र पूजन का विरोध कांग्रेस की अभारतीय वैचारिकता का ही सूचक है

भारत में विजयदशमी पर शस्त्र-पूजन की प्राचीन परम्परा रही है, अतः फ़्रांस में ही राजनाथ सिंह ने सिन्दूर से ओम बनाकर तथा नारीयल-कलावा आदि चढ़ाकर राफेल का शस्त्र-पूजन किया। साथ ही पहियों के नीचे नींबू रखा गया। ये सब भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के व्यवहार थे, जिनका अबकी पहली बार विदेशी धरती पर भी निर्वहन करके रक्षा मंत्री ने देश का सीना चौड़ा किया है।

अदालत में माफ़ी और बाहर फिर वही झूठ-प्रपंच, राहुल की ये कुटिल-नीति जनता खूब समझती है!

क्या इस बात से इनकार किया जा सकता है कि कांग्रेस का सबसे बड़ा नेता झूठ का सहारा लेता है, गैर जिम्मेदाराना बयान देता है, सच्चाई को देश के सामने तोड़ मरोड़कर पेश करता है। यह तो अच्छा हुआ कि भाजपा नेता और वकील मिनाक्षी लेखी ने सच को देश के सामने लाने का काम किया और अदालत के माध्यम से सब कुछ देश के सामने आ गया।

‘चौकीदार चोर है’ का नारा उछालने के कारण अब बुरे फँसे राहुल गांधी

कोर्ट ने राहुल गांधी को लताड़ लगाते हुए सफाई मांगी और पूछा कि अदालत ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘चौकीदार चोर’ जैसे शब्‍दों का प्रयोग कब किया है? इसकी सुनवाई स्‍वयं मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की बेंच ने की और कहा कि कोर्ट ने ऐसी टिप्‍पणी नहीं की है। राहुल ने कोर्ट के वक्‍तव्‍य को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। कोर्ट ने राहुल को 22 अप्रैल तक जवाब पेश करने की मोहलत दी है और मीनाक्षी लेखी की याचिका पर 23 अप्रैल को सुनवाई होनी है।

रक्षा सौदों में घोटालों का कीर्तिमान कांग्रेस के नाम दर्ज है!

लंबे अरसे से कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के बहाने मोदी सरकार पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगा रहे हैं। पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों के प्रचार में कांग्रेस ने राफेल को बोफोर्स तोप की तरह इस्‍तेमाल किया और 2019 के आम चुनाव में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की कवायद में जुटी थी लेकिन सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले ने उसकी उम्‍मीदों

कैग रिपोर्ट के बाद भी राफेल-राफेल कर रहे राहुल गांधी और कितनी फजीहत कराके चुप होंगे?

कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी निरंतर इस कोशिश में लगे रहते हैं कि किस तरह राफेल को बोफोर्से जैसा घोटाला साबित किया जाए। वे लम्बे समय से राफेल पर कैग रिपोर्ट पेश करने की बात कह रहे थे, जो कि आखिर संसद में पेश हो गयी है, जिसमें स्पष्ट है कि यूपीए सरकार के मुक़ाबले मोदी सरकार की राफेल डील 2.86 प्रतिशत सस्ती है। साथ ही वर्तमान सरकार के राफेल समझौते में विमानों की डिलीवरी देश को 5 महीने पहले ही हो जाएगी।

अगर राहुल भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, तो ममता-माया-अखिलेश जैसों के घोटालों पर क्यों नहीं बोलते?

क्या राहुल रॉफेल डील से सचमुच असंतुष्ट हैं? अगर हाँ, तो जैसा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, उन्हें ठोस सबूत पेश करने चाहिए। अगर वो कहते हैं और मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनिल अंबानी को 30 हज़ार करोड़ रुपए दिए हैं तो इसे सिद्ध करें, कहीं न कहीं किसी ना किसी खाते में पैसों का लेनदेन दिखाएं।