वित्त मंत्री

यह बजट गरीबों और मध्यमवर्ग के सपनों को पूरा करने वाला है!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2024 में आसन्न लोक सभा चुनाव से पूर्व इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया गया।

पूंजी निवेश को बढ़ाकर रोजगार निर्मित करने वाला बजट

2021-22 के आम बजट में किए गए कुल खर्चों 34.83 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान के बाद अब वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में कुल खर्चों को बढ़ाकर 39.45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

डीआईसीजीसी अधिनियम में संशोधन से संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को मिलेगी राहत

इस अधिनियम में संशोधन के बाद कुल जमा खातों का 98.3 प्रतिशत और कुल जमा मूल्य का 50.9 प्रतिशत संशोधित बीमा कवर के दायरे में आ जायेगा।

राहत पैकेज से मिलेगी अर्थव्यवस्था को मजबूती

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी से प्रभावित आमजन और कारोबारियों को राहत देने के लिए 28 जून को अनेक घोषणाएँ की, जिन्हें अमल में लाने में बैंकों की अहम् भूमिका होगी।

आर्थिक गतिविधियों को गति देने वाला बजट

बजट में आधारभूत संरचना खास करके ग्रामीण आधारभूत संरचना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र, एमएसएमई क्षेत्र आदि को मजबूत बनाने पर विशेष ज़ोर दिया गया है।

सरकार की विनिवेश नीति से अर्थतंत्र को मिलेगी गति

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने आम बजट, 2019 पेश करते हुए कहा था कि सरकार गैर-वित्तीय सार्वजनिक क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बेचने का सिलसिला जारी रखेगी। आम बजट, 2019 में सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश लक्ष्य बढ़ाकर 1.05 लाख करोड़ कर दिया, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के

सरकारी पूँजीगत व्यय में वृद्धि से विकास को मिलेगी गति

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों और सावर्जनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के प्रमुखों से अगली चार तिमाहियों में अपनी पूंजीगत व्यय की जरूरतों का पूरा खाका तैयार करने को कहा गया। वित्त मंत्री ने सभी विभागों और सावर्जनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग कंपनियों के प्रमुखों से अगली चार तिमाहियों के लिए पूंजीगत व्यय की उनकी योजना

वित्त मंत्री की हालिया घोषणाओं से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ़्तार

वित्त मंत्री की हालिया घोषणा से शेयर बाजार में रौनक लौट आई है। घोषणा के दिन सेंसेक्स में 1,921.15 अंकों की बढ़त और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी में 500 अंकों की बढ़त देखी गई। यह पिछले दस वर्षों में सर्वाधिक है। माना जा रहा है कि सरकार के इन कदमों से मांग और खपत में बढ़ोतरी होगी तथा अर्थव्यवस्था तेज रफ़्तार पकड़ेगी।

वित्त मंत्री के नए ऐलानों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

भारत सहित समूचे विश्‍व में इन दिनों आर्थिक मंदी की बात हो रही है। लेकिन पिछले दिनों एप्पल आईफोन के सालाना लॉन्चिंग कार्यक्रम के बाद भारतीयों की ओर से इस महंगे मोबाइल फोन के लिए बड़ी संख्‍या में की गई बुकिंग के बाद मंदी जैसा शब्‍द असंगत लगने लगा। जहां तक वैश्विक मंदी की बात है, यह वर्ष 2008 में आई थी और 2009 के अंत तक इसका असर रहा था।

बैंकों के एकीकरण से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए 30 अगस्त को मोदी सरकार ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की घोषणा कर दी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतरामण के अनुसार अगले 5 सालों में पाँच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिये देश में बड़े बैंकों का होना जरूरी है।