विदेशी निवेश

विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय स्टॉक बाजार में बढ़ रहा है निवेश

भारत की अर्थव्यवस्था में आज लगभग किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, जिसके चलते भारत का स्टॉक बाजार नित नई ऊंचाईयां हासिल करता दिखाई दे रहा है।

भारत के विदेशी व्यापार को गति देने में सहायक होंगे मुक्त व्यापार समझौते

मुक्त अथवा क्षेत्रीय व्यापार समझौतों के कारण, विदेशी व्यापार में वृद्धि होने से, इन देशों की आय में वृद्धि होती है, रोजगार के अवसर बढ़ते हैं तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे व्यक्तियों की संख्या में कमी होती है।

मोदी सरकार की कारगर आर्थिक नीतियों से बढ़ रहा देश का विदेशी मुद्रा भण्डार

देश में विदेशी मुद्रा भंडार दिनांक 21 जनवरी 2021 को 59,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है जो अपने आप में एक रिकार्ड है।

आत्मनिर्भर भारत : लोकल को ग्लोबल बनाने हेतु प्रयासरत मोदी सरकार

हमारे देश का बहुत बड़ा बाज़ार ही हमारे लिए सबसे बड़ी पूँजी है। केंद्र सरकार बड़ी तेज़ी से देश में कई क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों को लागू कर रही है ताकि देश के व्यवसाय को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक पहुँचाया जा सके।

लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध

हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध  मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।

भारत में तेजी से बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार के क्या हैं कारण ?

ये निवेश तब हुआ है जब पूरी दुनिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्तर लगातार कम हो रहा है। आज विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है।