सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

सनातन मूल्यों और राष्ट्रवादी विचारों के समर्थक रचनाकार थे निराला!

भारतीय साहित्य में जब भी निराला की चर्चा होती है तब उनकी छवि एक ऐसे लेखक और कवि की बनती है जो पूरे समाज से विद्रोह करने पर आतुर है, वह व्यवस्था के खिलाफ है, लोकतंत्र के विरुद्ध है और वह सबके साथ एक बार युद्ध छेड़ने का प्रयास करता है, लेकिन निराला की वास्तविकता इससे परे है।