हिटलर

तुष्टिकरण का जो दांव कभी हिटलर ने खेला था, आज कांग्रेस भी उसीको आजमाने में लगी है!

पानी को उबलने के लिए भी सौ डिग्री तापमान का इंतजार होता है, लेकिन कांग्रेस दिल्ली का सिंहासन हथियाने के लिए किस कदर बेकरार है, ये इसी से समझा जा सकता है कि उसने अपने सिपाहसालारों को तुष्टिकरण के घातक हथियार से देश को छलनी करने का जिम्मा सौंप दिया है। उसके सिपाहसालार तुष्टिकरण के घातक औंजारों से देश की नस-नस में जहर उतारना