bjp

झूठ-फरेब है ‘आप’ का असली चरित्र, केजरीवाल खुद हैं बड़े अराजक

केजरीवाल सरकार और विवादों का शुरू से ही चोली-दामन का साथ रहा है। वह…

दलितों-पिछड़ों के नाम पर भाजपा को कोसने वाले अपने गिरेबान में झांके

वर्तमान दौर अवधारणा आधारित राजनीति का दौर है. प्रत्येक राजनीतिक दल को लेकर एक निश्चित अवधारणा का बन जाना भारतीय राजनीति में आम हो चुका है. देश के यूपी एवं बिहार जैसे राज्यों की राजनीति में जातीय समीकरणों का चुनावी परिणाम में खासा महत्व होता है. लेकिन बिहार में भाजपा को लेकर यह भरसक प्रचार किया गया कि भाजपा सवर्ण-ब्राह्मणवादी आरक्षण विरोधी राजनीतिक दल है.

भाजपा विरोधियों के दोहरे चरित्र से उठने लगा पर्दा, बेनकाब होने लगे चेहरे

साल 2014 में जब भारतीय जनता पार्टी की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार सत्ता में आयी तभी से विपक्षी दल, सुनियोजित गैंग की तरह काम करने वाले मीडिया घरानों और कुछ एनजीअे तंत्र द्वारा पूरे देश में ऐसा माहौल बनाया गया जैसे की भाजपा सरकार बनने से देश में तानाशाही लागू हो गयी हो।

Laying a strong foundation – Assembly elections 2016

Anirban Ganguly The Assembly elections results of May 19 are a decisive pointer to the cluelessness and lack of direction of the Congress Party, especially under the tutelage and control of its first “dynasty”. With all his melodrama, cheap pot-shots, tactics of stalling Parliament and lending support to forces and formations that called for India’s

BJP at 36

Dr. Anirban Ganguly An indicator of the relevance of a political party is when it continues to grow and widen its base and acceptability and when it nurtures a democratic approach and spirit right from the grassroots upward. As the Bharatiya Janata Party entered its 36th year of existence on April 6, 2016 that indicator

आखिर दुनिया सबसे बड़ी पार्टी कैसे बन सकी है भाजपा

शिवानन्द द्विवेदी भारत की राजनीति में दलीय व्यवस्था का उभार कालान्तर में बेहद रोचक ढंग से हुआ है। स्वतंत्रता के पश्चात कांग्रेस का पूरे देश में एकछत्र राज्य हुआ करता था और विपक्ष के तौर पर राज गोपाल चारी की स्वतंत्र पार्टी, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी सहित बहुत छोटे स्तर पर जनसंघ के गिने-चुने लोग