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वामपंथ: लाल-आतंक के राष्ट्र-विरोधी आचरण से लोकतंत्र को खतरा

वामपंथ जिहादी मानसिकता और विचारधारा से भी अधिक घातक है। ये कुतर्क और अनर्गल प्रलाप के स्वयंभू ठेकेदार हैं! रक्तरंजित क्रांति के नाम पर इसने जितना खून बहाया है, मानवता का जितना गला घोंटा है, उतना शायद ही किसी अन्य विचारधारा ने किया हो। जिन-जिन देशों में वामपंथी शासन है, वहाँ गरीबों-मज़लूमों, सत्यान्वेषियों-विरोधियों आदि की आवाज़ को किस क़दर दबाया-कुचला गया है, उसके स्मरण मात्र से ही सिहरन पैदा होती है।