‘ई-बिज’ पर 200 सर्विस होंगी ऑनलाइन, सरकार सुधारेगी ‘ईज ऑफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग

दैनिक भास्कर। मोदी सरकार देश को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप 50 में लाने के लिए केंद्र, राज्य और निगम स्तर की सर्विसेज को ऑनलाइन जोड़ने Modi-on-May-26-released-the-song-on-his-two-year-full-Honen में लगी हुई है। मोदी सरकार ने ‘ई-बिज प्रोजेक्ट’ के जरिए 20 सर्विस को ऑनलाइन कर दिया है। सरकार अगले सात साल में इस प्लेटफॉर्म से 200 से अधिक सर्विसेज जोड़ेगी।

क्या है ईबिज प्रोजेक्ट

ई-बिज प्रोजेक्ट के तहत कारोबारियों के लिए कारोबार शुरू करने से लेकर ऑपरेशन तक की सभी सर्विस को ऑनलाइन किर जा रहा है। www.ebiz.gov.in पर ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करना, अटैचमेंट, पेमेंट, स्टेटस ट्रैकिंग, लाइसेंस और परमिट बनवा सकते हैं। यहां ऑनलाइन पेमेंट, स्टेटस ट्रैकिंग, एसएमएस अलर्ट और हेल्पडेस्क को भी जोड़ा गया है।

200 से अधिक सर्विस सरकार होंगी ऑनलाइन

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सुधारने के लिए केंद्र सरकार 200 से अधिक सर्विस को अगले सात साल तक ई-बिज से जोड़ेगी। ई-बिज के जरिए सरकार ‘गवर्मेंट टू बिजनेस’ पोर्टल बना रही है, जहां इन्वेस्टर सीधे सरकार के साथ बात कर सकते हैं। सरकार की सर्विस का फायदा उठा सकते हैं। यहां कारोबार शुरू करने से लेकर पूरे लाइफ साइकल तक के लाइसेंस, साइट प्लान, रजिस्ट्रेशन, वैट सभी सर्विसेज को ऑनलाइन कर दिया है।

राज्यों की सर्विस को भी ईबिज से जोड़ा जा रहा है

इस पायलट प्रोजेक्ट में आंध्र प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली की सर्विस को ऑनलाइन जोड़ना था। सरकार ने बाद में ओडिशा, राजस्थान,पंजाब, यूपी और पश्चिम बंगाल इन पांच राज्यों को भी पायलट प्रोजेक्ट में जोड़ दिया है।

कारोबारियों और इन्वेस्टर्स को क्या होगा फायदा

एक कारोबारी अभी सर्विस मिनिस्ट्री या डिपार्टमेंट की वेबसाइट या स्वयं जाकर इस्तेमाल करता है। ये सभी सर्विस ई-बिज पोर्टल बनने के बाद ऑनलाइन कभी भी इसका फायदा उठा सकते हैं। यानी ऑनलाइन फॉर्म सबमिट करना, अटैचमेंट, पेमेंट, स्टेटस ट्रैकिंग, लाइसेंस और परमिट ई-बिज पोर्टल पर बनवा सकते हैं।

अभी लगता है 6 महीने का समय

अभी तक कारोबार शुरू करने के लिए किसी भी कारोबारी या कंपनी को 16 क्लीयरेंस चाहिए होती हैं। ये सभी क्लीयरेंस कारोबारी को 20 बार सरकारी विभागों के चक्कर लगाकर 6 महीने में मिलती है। ईबिज से यही काम कुछ घंटों में हो सकता है। इससे कारोबारी को नोटिफिकेशन का एसएमएस अलर्ट भी कारोबारी के मोबाइल पर आएंगे। अब उन्हें सरकारी विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे।

स्त्रोत:bhaskar.com