मोदी और बीजेपी पर आरोप की राजनीति के अलावे अब किसी काम के नहीं रहे केजरीवाल

अभय सिंह

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जनता ने सत्ता विकास के कार्यों और दिल्ली के भले के लिए सौंपी थी। लेकिन शायद दिल्ली की केजरीवाल सरकार काम करने के मूड में नहीं है। बल्कि केजरीवाल सरकार का पूरा ध्यान अपने काम पर कम और मोदी सरकार पर ज्यादा रहता है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को सत्ता संभाले लगभग डेढ़ वर्ष हो चुके हैं। लेकिन जनता के हितों के कार्यों को छोड़कर केजरीवाल सरकार अपनी राजनीति चमकाने में लगी हुई है। इसी का परिणाम है कि केजरीवाल और उनके मंत्री लगातार मोदी सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग के साथ ही दिल्ली पुलिस पर भी तथ्यहीन आरोप लगाते रहे हैं।

अभी हाल ही में दिल्ली सरकार के संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर जब विवाद हुआ था। तब भी अरविंद केजरीवाल ने इसे मोदी सरकार की साजिश करार दिया था। चाहे केजरीवाल के किसी मंत्री की गिरफ़्तारी का मामला हो या महिला उत्पीड़न का केस हो। पूरी आम आदमी पार्टी इसे केंद्र की साजिश करार देने में पीछे नहीं रहती है। और तो और अगर किसी मंत्री या नेता पर आरोप सही साबित हो जाते हैं तो बिना किसी लज्जा के आम आदमी पार्टी अपनी बातों से पलट जाती है। आम आदमी पार्टी द्वारा लगाये जाने वाले तथ्यहीन आरोपों का वैसे तो कोई सार होता नहीं है।

लेकिन हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी पर यह आरोप तक लगा दिया कि प्रधानमंत्री मोदी उन्हें जान से भी मरवा सकते हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता से मुखातिब होते हुए यूट्यूब के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी पर यह गंभीर आरोप लगाया था। इससे पहले भी केजरीवाल प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार बेबुनियाद आरोप लगते रहे हैं। कभी केजरीवाल कहते है कि मोदी जी हमें काम करने नहीं देते हैं, तो वहीँ दूसरी तरफ खुद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कहते हैं कि दिल्ली सरकार चपरासियों से भी काम करवाने में सक्षम है। अभी हाल ही में दिल्ली सरकार के संसदीय सचिवों की नियुक्ति को लेकर जब विवाद हुआ था। तब भी अरविंद केजरीवाल ने इसे मोदी सरकार की साजिश करार दिया था। चाहे केजरीवाल के किसी मंत्री की गिरफ़्तारी का मामला हो या महिला उत्पीड़न का केस हो। पूरी आम आदमी पार्टी इसे केंद्र की साजिश करार देने में पीछे नहीं रहती है। और तो और अगर किसी मंत्री या नेता पर आरोप सही साबित हो जाते हैं तो बिना किसी लज्जा के आम आदमी पार्टी अपनी बातों से पलट जाती है। आम आदमी पार्टी द्वारा लगाये जाने वाले तथ्यहीन आरोपों का वैसे तो कोई सार होता नहीं है। लेकिन एक बात तो तय है कि केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार के बाद जब सत्ता में फिर से वापसी की थी तो जनता को उनसे काफी उम्मीदें थीं। लेकिन केजरीवाल सरकार लगातार जनता के विकास और हितों को ताक पर रखकर सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने में मशगुल है। जिसका परिणाम है कि दिल्ली सरकार विकास के कार्यों के कारण नहीं, बल्कि फिजुल के हंगामों के कारण लगातार खबरों में बनी हुई है।

pm-kejriwal-set-to-attend-sant-ravidas-event
Photo:etimg.com

गौरतलब है कि केजरीवाल दिल्ली के विकास के कार्यों को छोड़कर पंजाब, गोवा, गुजरात और अन्य चुनावों में ज्यादा व्यस्थ दिख रहे हैं। केजरीवाल के इन बेबुनियाद आरोपों और जनता से किये गये वायदों को पूरा करने में कोई दिलचस्पी न दिखाने का ही परिणाम है की अब दिल्लीवासीयों की नज़र में केजरीवाल सरकार की छवि धूमिल हुई है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोई भी आरोप सोशल मीडिया पर लगते हैं और जब उस पर स्पष्टीकरण देने की बरी आती है तो वहां से भाग जाते हैं, उनके इस पाखंड को दिल्ली सहित पूरा देश समझ चुका है की किस तरह से उनका हर आरोप निराधार होता है और तार्किक रूप से कमजोर होता है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)