मोदी सरकार में आये गाँव वालों के अच्छे दिन

शिवानन्द द्विवेदी 

गत २९ फरवरी-२०१६ को पूरे देश की निगाहें सर्वोच्च पंचायत लोकसभा की तरफ थीं। भाजपा-नीत सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली आम-बजट पेश कर रहे थे। बजट भाषण समाप्त होने के बाद एक प्रतिक्रिया तो लगभग सभी विश्लेषकों ने दी कि यह ‘गाँव-गिरान’ को समर्पित बजट है, यह गरीब-मजदूर और किसान को ध्यान में रखकर बनाया गया बजट है। वैसे तो देश ने संसद की पटल से अनेकों बजट देखा है, लेकिन इस बार के बजट को देखकर सुदूर गाँव में बैठा कोई किसान, कोई आम जन भी कह सकता था कि ‘ये मेरा बजट है’। इसमें कोई शक नही कि आम जन के लिहाज से यह बजट बेहद ख़ास रहा है। इस बजट में किसानों की आय को दोगुना करने, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 28.5 लाख हेक्‍टेयर भूमि‍पर सिंचाई सुविधा शुरू किये जाने, 89 सिंचाई परियोजनाओं को फास्‍ट ट्रैक करने जैसे तमाम कृषि योजनाओं पर ख़ास ध्यान दिया गया है। मार्च 2017 तक 14 करोड़ कृषि जोतों को मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड प्रदान किये जाने का लक्ष्य, अपने आप में एक क्रांतिकारी अभियान है जिससे कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव को अमली जामा पहनाया जा सकता है। कृषि ऋण का लक्ष्य 9 लाख तक का रखा गया है। गरीबों की बेहतरी के लिए समर्पित इस बजट में ऐसे तमाम प्रावधान प्रमुखता से रखे गये हैं जिनसे गरीब से गरीब परिवार भी लाभान्वित हो सके। गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्‍शन मुहैया कराने के लिए ऐसा लक्ष्य रखा गया है कि 2016-17 में 1.5 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे। परिवार की महिला सदस्‍य के नाम पर एलपीजी कनेक्‍शन दिए जाएंगे। भारत को एक स्वस्थ देश बनाने की दिशा में पहल करते हुए वित्त मंत्री ने इस बजट में कुछ ऐसी योजनाओं को स्थान दिया है, जो अभी तक जनता की पहुँच से दूर थीं। नई स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना के तहत प्रति परिवार 1 लाख रुपए और वरिष्‍ठ नागरिकों को अतिरिक्‍त 30 हजार रुपए तक के स्‍वास्‍थ्‍य कवर प्रदान किए जाने का प्रावधान इस बजट में रखा गया है। सस्ती दवाओं को उपलब्ध कराने के लिहाज से वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,000 स्‍टोर खोले जाने का लक्ष्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तौर पर देखा जा रहा है। अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों को मुख्यधारा के उद्दम में लाकर बतौर उद्दमी उन्हें स्थापित करने की दिशा में इस बजट में ख़ास प्रावधान हैं। उद्यमियों के लिए एक नई आर्थिक प्रणाली का गठन किये जाने की बात की गयी है। साथ ही एमएसएमई मंत्रालय में एससी/एसटी हब का निर्माण करने की बात भी इस बजट का हिस्सा है। पशुधन कल्याण को देखते हुए पशु स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम ‘पशुधन संजीवनी’ करने की बात बजट में कही गयी है। पंचायतों के सशक्तिकरण एवं विकास पर बल देते हुए वित्त मंत्री ने प्रति ग्राम पंचायत 81 लाख रुपए एवं प्रति नगर पालिका 21 करोड़ रुपए अनुदान सहायता देने का प्रावधान रखा है। 2018 मई तक गाँव-गाँव तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य इस बजट में चिन्हित किया गया है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1500 बहु-कौशल प्रशिक्षण सेंटर खोलने की बात भी इस बजट में की गयी है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के लिए 55,000 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा भी आम जन से जुड़े तमाम प्रावधानों पर विशेष विचार इस बजट में किया गया है। वहीँ दुसरी तरफ रेल बजट प्रस्तुत करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु में रेलवे के विकास एवं अत्याधुनिक सुविधाओं के लिहाज से शानदार बजट प्रस्तुत किया। इस बजट का रेल बजट हवा-हवाई बातों का रेल बजट न होकर जन-सुविधाओं को सुलभ बनाने वाला बजट है। रेलवे के विकास, यात्रियों की सुविधाओं का ख़ास ख्याल रेल बजट में रखा गया है। यह सबकुछ बिना किराया बढाए किया गया है। हालांकि भाजपा-नीत केंद्र सरकार के अभी बाईस महीने ही हुए हैं लेकिन रेलवे के क्षेत्र में व्यापक सुधार जमीन पर दिखने लगे हैं। चाहें आधुनिकीकरण का मसला हो या स्वच्छता का ख्याल अथवा यात्रियों की सुविधा का मसला ही क्यों न हो, भारतीय रेल अब बेहतर सेवा मुहैया कराती दिख रही है।