प्रहलाद सबनानी

आत्मनिर्भर भारत को साकार करने के लिए कई स्तरों पर जुटी है मोदी सरकार

भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और लोकल से ग्लोबल बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा बहुत ही तेज़ी से कई प्रकार के आर्थिक निर्णय लिए जा रहे हैं।

मोदी सरकार की नीतियों से देश के ऊर्जा क्षेत्र में हो रही क्रांति

भारत ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव की दिशा में काफी मेहनत से काम कर रहा है। सरकार ने बिजली और खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन को अपनी शीर्ष प्राथमिकता में रखा हुआ है

मोदी सरकार के प्रयासों से कोरोना संकट के बावजूद पटरी पर लौट रहीं आर्थिक गतिविधियाँ

हर्ष का विषय है कि माह सितम्बर 2020 में देश में आर्थिक गतिविधियों ने वापस रफ़्तार पकड़ ली है। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र के सम्बंध में सही समय पर लिए गए कई निर्णयों के चलते ही यह सम्भव हो सका है।

किसानों के लिए वरदान साबित होंगे नए कृषि कानून

नए कानूनों से राष्ट्र, उत्पादक और उपभोक्ता तीनों खुशहाल होंगे। जमाखोरी खत्म होगी, लॉबिंग की विदाई हो जाएगी एवं कृषि क्षेत्र का विकेन्द्रीकरण होगा।

नए श्रम कानूनों के लागू होने से देश के आर्थिक विकास को लगेंगे पंख

उक्त श्रम क़ानूनों के लागू होने एवं इसके सही तरीक़े से सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के बाद स्वस्थ, सुखी एवं संतुष्ट श्रमिक के सपने को भी साकार किया जा सकेगा

आत्मनिर्भर भारत : लोकल को ग्लोबल बनाने हेतु प्रयासरत मोदी सरकार

हमारे देश का बहुत बड़ा बाज़ार ही हमारे लिए सबसे बड़ी पूँजी है। केंद्र सरकार बड़ी तेज़ी से देश में कई क्षेत्रों में आर्थिक सुधारों को लागू कर रही है ताकि देश के व्यवसाय को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक पहुँचाया जा सके।

मोदी सरकार के प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था में महती भूमिका निभाने को तैयार हो रहा कृषि क्षेत्र

वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1030 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न हुआ था।

केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप

कोरोना वायरस महामारी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का स्वरूप कुछ बदलने की राह पर जाता दिखाई दे रहा है।

मोदी सरकार की नीतियों से भारत में वित्तीय समावेशन को मिल रही गति

केंद्र में वर्तमान मोदी सरकार के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से तो वित्तीय समावेशन के कार्यान्वयन में बहुत अधिक सुधार देखने में आया है।

लगातार मजबूत हो रहे भारत-अमेरिका आर्थिक संबंध

हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच आपस में व्यापार और निवेश के सम्बंध  मज़बूत होते जा रहे हैं। विशेष तौर पर विदेशी व्यापार के क्षेत्र में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा साझीदार बन गया है।