प्रहलाद सबनानी

नवसंवत्सर विशेष : ठोस गणितीय और वैज्ञानिक काल गणना पद्धति पर आधारित है हिन्दू नववर्ष

भारत में सनातन हिंदू धर्म के अनुसार नव वर्ष को नवसंवत्सर कहा जाता है एवं यह देश के विभिन्न भागों में अलग अलग नामों से पुकारा जाता है।

वैश्विक स्तर पर भुगतान माध्यम के रूप में स्थापित हो रहा है भारतीय रुपया

भारत को आगे आने वाले समय में डॉलर की आवश्यकता कम होने लगेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई देशों के बीच रुपए की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ती जा रही है।

वैश्विक मंदी के माहौल में एयर इंडिया विमान सौदा भारत की बदलती आर्थिक तस्वीर की ही कहानी कहता है!

अमेरिका के साथ एयर इंडिया ने फ़्रान्स की एयरबस कम्पनी से भी 250 विमान खरीदने की घोषणा की है। इनमें से 40 बड़े आकार के ए350 और 210 छोटे आकार के विमान होंगे।

देश की युवा शक्ति को विकास की मजबूत कड़ी बनाने में जुटी मोदी सरकार

भारत में प्रति व्यक्ति आय को वर्ष 2047 तक लगभग तिगुना करने की योजना बनाई गई है। प्रति व्यक्ति औसत आय को 445,000 रुपए प्रति वर्ष तक ले जाना है।

विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में बजा भारत का डंका!

भारत से भी कुछ मंत्री व निजी क्षेत्र की कम्पनियों के अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए। भारत में लागू आर्थिक नीतियों की विश्व आर्थिक मंच पर बहुत तारीफ की गई। 

विकसित राष्ट्र की आधारशिला रखने वाला बजट

इस बजट में केंद्र सरकार ने भारत के आधारभूत ढांचे को विकसित अवस्था में ले जाने के उद्देश्य से एक क्रांतिकारी कदम उठाया है।

हेमू कालाणी : जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में मां भारती के श्रीचरणों में अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था!

हेमू कालाणी ने ‘इंकलाब-जिंदाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए खुद अपने हाथों से फांसी का फंदा अपने गले में डाला, मानो फूलों की माला पहन रहे हों।

मोदी सरकार के प्रयासों से मजबूत हो रहे सरकारी बैंक

यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में सरकारी क्षेत्र के बैंकों का लाभ एक लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर सकता है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का नया अध्याय लिख रही मोदी सरकार

भारत में आज ग्रामीण नागरिकों की आय में लगातार अच्छी वृद्धि दृष्टिगोचर है। इससे भारत के ग्रामीण इलाके आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित होते जा रहे हैं।

दत्तोपंत ठेंगड़ी : जिन्होंने हिंदू जीवन मूल्यों के आधार पर आर्थिक व्यवस्था के लिए अलग रास्ता सुझाया था

दत्तोपंत जी बचपन में ही संघ के साथ जुड़ गए थे अतः आपके व्यक्तित्व में राष्ट्रीयता की भावना स्पष्ट रूप से झलकती थी। आपके व्यक्तित्व का चित्रण करते हुए भानुप्रताप शुक्ल