प्रहलाद सबनानी

भारत के आर्थिक परिदृश्य में दिख रहे बड़े बदलाव

भारत में, अप्रैल-मई 2021 के महीनों में महामारी की दूसरी लहर का सामना करने के बाद, जून 2021 में आर्थिक गतिविधियां तेज गति से पुनः प्रारम्भ हो गई हैं

मोदी राज में तेज हुई आर्थिक क्षेत्र में सुधार कार्यक्रम लागू करने की रफ्तार

हाल ही के समय में आर्थिक क्षेत्र में तेजी से किए गए सुधार कार्यक्रमों के कारण देश में न केवल आर्थिक विकास की दर तेज हुई है बल्कि रोजगार के भी कई नए अवसर निर्मित हुए हैं।

सहकारिता मंत्रालय के गठन से खुलेगी सहकारिता आंदोलन की सफलता की राह

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा एक नए सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया है। भारतीय संसद में वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते समय भी सहकारिता मंत्रालय के गठन की चर्चा की गई थी।

थोक एवं खुदरा व्यापारियों को एमएसएमई के दायरे में लाना केंद्र सरकार की एक बड़ी सौगात

खुदरा एवं थोक व्यापारियों को मजबूत करते हुए केंद्र सरकार एमएसएमई क्षेत्र को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में विकसित करने हेतु कटिबद्ध है।

सरकार के प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने फिर पकड़ी रफ़्तार

केंद्र सरकार एवं भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लिए गए कई निर्णयों के कारण अर्थव्यवस्था पर कोरोना महामारी के प्रभाव को काफी कम करते हुए जून 2021 माह में वृद्धि दर साफ तौर पर पुनः पटरी पर आती दिख रही है।

आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है जीएसटी

यह भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। जीएसटी ने करों की संख्या, अनुपालन बोझ और आम आदमी पर समग्र कर बोझ में कमी की है।

देश में स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने हेतु किए जा रहे हैं विशेष प्रयास

स्वास्थ्य क्षेत्र में और अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराना अब आवश्यक हो गया है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कमर कस ली है।

सामान्य मानसून के अनुमानों के बीच कृषि क्षेत्र के लिए सरकार कर रही है विशेष तैयारियां

वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान चारों तिमाहियों में कृषि क्षेत्र एवं मछली पालन इत्यादि क्षेत्रों में विकास दर सकारात्मक रही है।

केंद्र सरकार की नीतियों से तेज हुई है कृषि क्षेत्र से निर्यात की गति

कृषि पदार्थों की आपूर्ति बनाए रखना भी केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धि माना जाना चाहिए। देश के किसी भी कोने में सामान्यतः कृषि उत्पादों की उपलब्धता में कमी नहीं आने दी गई।

भारत में धार्मिक स्थलों को विकसित किए जाने से तेज गति से आगे बढ़ रहा है पर्यटन उद्योग

भारत में प्राचीन समय से धार्मिक स्थलों की यात्रा, पर्यटन उद्योग में, एक विशेष स्थान रखती है। एक अनुमान के अनुसार, देश के पर्यटन में धार्मिक यात्राओं की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत के बीच रहती है।