सतीश सिंह

नए भारत के निर्माण का रोडमैप है नीति आयोग का रणनीतिक दस्तावेज़

नीति आयोग ने अपने रणनीतिक दस्तावेज में 2022-23 तक हर साल 8 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्य रखा है। आयोग चाहता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 4 लाख करोड़ डॉलर का बनाया जाये और सरकार 8 प्रतिशत की जगह सीधे 9 प्रतिशत के विकास दर को पाने के लिये कोशिश करे।  

राजकोषीय घाटे को लक्ष्य के अनुरूप रखने में कामयाब रहेगी मोदी सरकार!

अगले वर्ष चुनाव होने के कारण सरकारी खर्च में बढ़ोतरी होने की गुंजाइश है। फिर भी,  राजकोषीय घाटा के लक्ष्य के अनुरूप रहने का अनुमान है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में केंद्र की हिस्सेदारी से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आगामी महीनों में जीएसटी संग्रह में और भी वृद्धि होने का अनुमान है। हालाँकि, कहा जा रहा है

मोदी सरकार के प्रयासों से भारत की तरफ आकर्षित हो रहीं बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ

सरकार देश की आर्थिक एवं कारोबारी माहौल में सुधार लाने की कोशिश कर रही है, ताकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों का भारत पर भरोसा बढ़ सके। सरकार के प्रयासों के कारण ही कारोबार सुगमता के मामले में भारत ने हाल ही में एक लंबी छलांग लगाई है। फिलवक्त, भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों और ग्लोबल इनहाउस इकाइयों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

नए आधार वर्ष के कारण जीडीपी के बदले आंकड़ों पर सवाल क्यों?

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 9 सालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में यह 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी। सीएसओ ने संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान 4 वर्षों की विकास दर में 1 प्रतिशत से अधिक की कटौती की है।

अच्छे दिन : ‘भारत में संपत्ति का लोकतांत्रिकरण हो रहा है’

सितंबर तिमाही के लिये जीडीपी आंकड़े कुछ दिनों के बाद जारी किये जाने वाले हैं, लेकिन इससे पहले अर्थशास्त्री एवं देश व विदेश के वित्तीय संस्थान जीडीपी के आंकड़ों के गुलाबी होने का अनुमान लगा रहे हैं। अर्थशास्त्रियों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी 7.2% से 7.9% के बीच रह सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में 7.4% की दर से विकास

59 मिनट लोन योजना से एमएसएमई कारोबारियों के लिये लोन लेना हुआ आसान

देश में फिलहाल 6.3 करोड़ से ज्यादा एमएसएमई यूनिट कार्य कर रही हैं, जिनमें 11.1 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। देश की जीडीपी में एमएसएमई क्षेत्र का योगदान करीब 30 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि यदि इस क्षेत्र को मजबूत किया जाये तो देश में रोजगार सृजन, आर्थिक आत्मनिर्भरता, समावेशी विकास, विनिर्माण में तेजी आदि को संभव बनाया जा सकता है।

विपक्ष के नकारने से ख़त्म नहीं हो जाते नोटबंदी के फायदे!

नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर विपक्षी दलों ने फिर से इसकी सार्थकता पर सवाल उठाया। साथ ही साथ इससे हुई परेशानी का ठीकरा सरकार के माथे पर फोड़ा। यह ठीक है कि नोटबंदी के कारण आमजन को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा था, लेकिन केवल इस वजह से नोटबंदी के फ़ायदों को सिरे से नकारा नहीं जा सकता है। यह एक साहसिक फैसला था, जिसने

सरकार के आर्थिक सुधारों का दिख रहा असर, कारोबारी सुगमता रैंकिंग में भारत की बड़ी छलांग!

केंद्र सरकार ने देश में निवेश को प्रोत्साहन देने और कारोबारी सुगमता को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के सुधार किये हैं, जिसे तकनीकी भाषा में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ कहते हैं। पिछले वर्ष ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत ने रिकॉर्ड 30 पायदान सुधार कर 100वां स्थान हासिल किया था। इसबार वह 190 देशों की सूची में 23 पायदान की छलांग लगाते हुए 77वें स्थान पर पहुँच गया है। इसकी जानकारी 31 अक्तूबर, 2018 को जारी विश्व बैंक की रिपोर्ट “डूइंग बिजनेस 2019-सुधार के लिए

मोदी इफ़ेक्ट : ‘2014 तक आयकर भरने वाले 3.79 करोड़ थे, जो अब बढ़कर 6.85 करोड़ हो गए हैं’

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) के अनुसार 1 करोड़ रूपये से अधिक आय अर्जित करने वाले करदाताओं की संख्या वित्त वर्ष 2017-18 में 68 प्रतिशत बढ़कर 1 लाख 40 हजार  हो गई, जो वित्त वर्ष 2013-14 में 89 हजार थी। इस अवधि में एक करोड़ से अधिक आय दिखाने वाले करदाताओं में बड़े कारोबारी, फर्म्स, हिंदू अविभाजित परिवार आदि शामिल हैं। इधर,

आईएमएफ ने माना कि आगे भी चीन से तेज रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ़्तार!

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपने हालिया वर्ल्ड इकॉनमिक आउटलुक में लिखा है कि वित्त वर्ष 2019 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2020 में 7.4 प्रतिशत रहेगा, जबकि आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2019 के लिये चीन के जीडीपी के 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने की बात कही है। वित्त वर्ष 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.7