भीम एप : नक़दी रहित अर्थव्यवस्था की दिशा में कारगर कदम

देश की अर्थव्यवस्था से कालाधन और भ्रष्टाचार की सफाई के उद्देश्य से नोटबंदी जैसा साहसिक फैसला लेने वाली मोदी सरकार ने कैशलेस इकोनॉमी की तरफ देश को बढ़ाने की दिशा में भीम एप्प लांच किया है। इस एप्प का नाम डॉ भीमराव अम्बेडकर के नाम पर भीम एप रखा गया है। भीम एप डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने के साथ ग्रामीण तबके के लोगों को भी कैशलेस इकोनॉमी में जोड़ने की दिशा में कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि इसका अनुप्रयोग काफी सरल है और बगैर इंटरनेट के भी किया जा सकता है। गांवों में बैंकों की आधारभूत संरचना का समुचित विकास न होने की वजह से कैशलेस की दिशा में आ रही रूकावटों को ख़त्म करने की दिशा में सरकार ने इस एप के माध्यम से बड़ा प्रयास किया है।

भीम एप्प का पूरा नाम भारत इंटरफेस फॉर मनी है। जो कि  यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम पर काम करेगा। यह एक ऐसा पेमेंट सिस्टम है, जिसके तहत हम अपने फोन के जरिए दो बैंक अकाउंटों के बीच पैसों का लेनदेन आसानी के साथ कर सकते है। इस एप के  पहले लोगों द्वारा पेटीएम, मौबिक और फ्रीचार्ज जैसे डिजिटल तरीके से पैसों का आदान-प्रदान किया जाता रहा है, लेकिन सरकार का यह एप अन्य माध्यमों से काफी सरल और सुरक्षित प्रणाली है। इस एप का सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि इसका उपयोग बिना इंटरनेट की सहायता से किया जा सकता है।

अभी ग्रामीण तबकों में एटीएमों और बैंको की पहुंच जनता तक व्यापक पैमाने पर नहीं हो सकी है, लेकिन मोदी सरकार के इस एप्प से अब ग्रामीण तबका भी कैसलेस व्यवस्था में योगदान दे सकता है। भीम एप्प का पूरा नाम भारत इंटरफेस फॉर मनी है। जो कि  यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम पर काम करेगा। यह एक ऐसा पेमेंट सिस्टम है, जिसके तहत हम अपने फोन के जरिए दो बैंक अकाउंटों के बीच पैसों का लेनदेन आसानी के साथ कर सकते है। इस एप के  पहले लोगों द्वारा पेटीएम, मौबिक और फ्रीचार्ज जैसे डिजिटल तरीके से पैसों का आदान-प्रदान किया जाता रहा है, लेकिन सरकार का यह एप अन्य माध्यमों से काफी सरल और सुरक्षित प्रणाली है। इस एप का सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि इसका उपयोग बिना इंटरनेट की सहायता से किया जा सकता है। पैसों के लेनदेन में अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड जैसे लम्बी जानकारियों को बार-बार साझा करने की झंझट से भी इसमें निज़ात दी गयी है। जो ग्रामीण जनता के लिहाज से उचित भी है, क्योंकि ग्रामीण जनता शिक्षा व जागरूकता के अभाव में डिजिटल भुगतान की प्रणाली अपनाने से घबराती है।

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भीम एप्प में केवल एक बार बैंक अकाउंट को रजिस्टर करना है, और एक यूपीआई कोड प्राप्त करना है, इसके बाद मोबाइल नंबर से ही पैसों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि यह एप्प फ़िलहाल हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में उपलब्ध है। आगे इसे अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ में भी लाने की योजना पर काम हो रहा है। भीम एप्प एंडराइड और आईओएस वर्जन में उपलब्ध है, जिसको प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

दरअसल नोटबंदी के बाद सभी बैंकों द्वारा अपने-अपने यूपीआई एप्प लांच करने के बावज़ूद मोदी सरकार का यह भीप एप जल्द ही  लोकप्रियता के सारे पैमाने तोड़ते हुए गूगल प्ले स्टोर चार्ट में सभी एप को पछाड़ते हुए पहले स्थान पर पहुंच गया है। इस एप की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि इस एप्प को संचालित करने वालों की संख्या लगभग तीस लाख से अधिक हो चुकी है और इसके माध्यम से लगभग पांच लाख बार डिजिटल भुगतान भी किया जा चुका है। इस एप्प के प्रयोग के लिए मोबाइल बैंकिंग का होना भी आवश्यक नहीं है। बस मोबादल नंबर का आपके बैंक अकाउंट से जुड़ा होना आवश्यक है। एक और महत्वपूर्ण बात यह कि इस सुविधा का प्रयोग बिना किसी अतिरिक्ति भुगतान के किया जा सकता है। बस कुछ खास बैंको के लिए आईएमपीएस और यूपीआई का भुगतान करना पड़ सकता है। इस एप्प की शुरूआती सफलता को देखते हुए यह बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि भीम एप को लोग हाथों-हाथ ले रहे हैं, ये देखते हुए उम्मीद जगती है कि ये एप देश के कैशलेस अर्थव्यवस्था होने की दिशा में क्रांतिकारी सिद्ध हो सकता है।

(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)