कामकाज

सरल भाषा में जानिये कि जीएसटी से कैसे कम होगी महंगाई और होंगे क्या-क्या फायदे !

जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग लगने वाले सभी कर एक ही कर में समाहित हो जायेंगे। इसके तहत अलग-अलग टैक्स की बजाय एक टैक्स लगने की वजह से उत्पादों के दाम घटेंगे। कम टैक्स होने से मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी। साथ ही, सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी कम होगी। स्पष्ट है, इससे आम उपभोक्ताओं को फायदा होगा।

युवाओं के कौशल से भारत बनेगा दुनिया की आर्थिक महाशक्ति

किसी भी राष्ट्र में संसाधनों का जितना वैविध्य व आधिक्य होगा, वह राष्ट्र उतना ही समृद्ध होगा। बात जब संसाधनों की हो तो प्रायः भौगोलिक संसाधनों की ओर तेजी से रूख किआ जाता है परन्तु यह सर्वविदित है कि मानव संसाधन का अलग औचित्य व महत्ता है। मानव संसाधन किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सौर ऊर्जा के ज़रिये हर घर बिजली पहुँचाने के लक्ष्य की तरफ बढ़ रही मोदी सरकार

आजादी के 70 साल होने को हैं, लेकिन ये आजादी के बाद लम्बे समय तक शासन में रहीं कांग्रेसी सरकारों की नाकामी ही है कि आज भी करोड़ों लोगों की जिंदगी सूरज की रोशनी में ही चहलकदमी करती है। इनके लिए रात में लालटेन व दीये की टिमटिमाती रोशनी ही सहारा है। लेकिन अब यह अतीत की बात होने वाली है, क्‍योंकि मोदी सरकार जिस रफ्तार से सौर ऊर्जा के जरिए अंधेरा मिटाने में जुटी है, उससे हर घर चौबीसों

जीएसटी से महंगाई बढ़ने के विपक्षी दावे का निकला दम, सस्ती होंगी ज्यादातर चीजें

देश एक है, तो अब कर भी एक ही चुकाना होगा। एकल टैक्स लगाने की मांग कई सालों से चल रही थी। एनडीए सरकार ने अपने तीसरे वर्षगाँठ पर जीएसटी के ज़रिये अर्थव्यवस्था में ऊष्मा भरने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। जीएसटी काउंसिल ने 1200 से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं के लिए 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत, टैक्स के ये चार स्लैब तय किए हैं। संघीय ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी यह महत्वपूर्ण घटना है।

मोदी सरकार के वो दस काम जो बदलते भारत की कहानी कहते हैं !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 26 मई 2017 को तीन साल पूरे हो जाएंगे। इन तीन सालो की दौरान प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पूर्ववर्ती सरकारों से बिलकुल अलग कार्य करते हुए गवर्नेंस का का अनोखा मॉडल अपनाया जिसमें जनता से सीधा सवांद हर योजना की प्राथमिकता थी। इसी संदर्भ में अगर हम नरेंद्र मोदी सरकार के तीन सालो के कार्यो का विश्लेषण करने के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं, कार्यक्रमों और निर्णयों पर सक्षिंप्त दृष्टि डालना समीचीन होगा

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कैसे रहे मोदी सरकार के तीन साल ?

इसमें दो राय नहीं है कि बीते तीन सालों में मोदी सरकार ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन इनमें सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि आर्थिक क्षेत्र से संबंधित है। मोगर्न स्टेनले के ताजा शोध के मुताबिक अनुकूल विदेशी मांग, कंपनियों के बेहतर नतीजे और निजी क्षेत्र में पूंजी व्यय में होती बढ़ोतरी से देश की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर दिसंबर 2017 तक बढ़कर 7.9 प्रतिशत के स्तर तक पहुँच सकती है, जिसके कारक बाह्य मांग

मोदी सरकार देश में बिछाने जा रही पाइपलाइन का जाल, विकास को मिलेगी और रफ़्तार

मोदी सरकार की दूरगामी योजना देश को गैस आधारित अर्थव्‍यवस्‍था में बदलने की है। फिलहाल देश के ऊर्जा सम्‍मिश्र में प्राकृतिक गैस की भागीदारी 7 फीसदी है, जो कि विश्‍व औसत से काफी कम है। सरकार अगले तीन वर्षों में इस अनुपात को 15 फीसदी तक बढ़ाना चाहती है। इस लक्ष्‍य को घरेलू उत्‍पादन में बढ़ोत्‍तरी और सस्‍ती तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात के बल पर पूरा किया

कामयाब होती मोदी सरकार की कृषि नीतियाँ, खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

मोदी सरकार की कृषि नीति एवं बेहतर मॉनसून की वजह से जून में समाप्त हो रहे फसल वर्ष में गेहूं, चावल और दलहन सहित खाद्यान्न का रिकॉर्ड 27 करोड़ 33 लाख 80 हजार टन उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले साल 25 करोड़ 15 लाख टन हुआ था। इसके पहले रिकॉर्ड उत्पादन फसल वर्ष 2013-14 में 26 करोड़ 50 लाख टन का हुआ था। खाद्यान्नों में चावल, गेहूं, मोटे अनाज एवं दलहन शामिल हैं। कृषि मंत्रालय ने

दक्षिण एशिया उपग्रह जीसैट-9 से अंतरिक्ष कूटनीति की ओर भारत ने बढ़ाए कदम

भारत ने पड़ोसी मुल्कों को एक नायाब तोहफा देते हुए दक्षिण एशिया संचार उपग्रह का प्रक्षेपण किया। भारत के इस कदम को दोस्ती के तोहफे के रूप में देखा जा रहा है। इससे समझौते के नये आयाम खुलेंगे। ये उपग्रह कई मायनों में खास है, क्योंकि ये दक्षिणी देशों से ना सिर्फ संचार के लिए फायदेमंद साबित होगा बल्कि प्राकृतिक आपदा जैसी सूचनाएं देने में भी सहायक होगा।

डेयरी क्षेत्र के विकास से यूपी के किसानों को मजबूती देने में जुटी योगी सरकार

योगी सरकार की ओर से किसानों को चार-पांच दुधारू मवेशी खरीदने के लिए सब्‍सिडी देने का फैसला किया गया है। सरकार जानती है कि दुग्‍ध प्रसंस्‍करण क्षमता में ढाई गुना की बढ़ोत्‍तरी आसान नहीं है। इसीलिए वह गुजरात की भांति चारागाह विकास, दूध की खरीद-बिक्री, भंडारण, प्रशीतन, प्रसंस्‍करण, पैकेजिंग संबंधी बुनियादी ढांचा भी बना रही है। इन कोशिशों के कामयाब होते ही डेयरी